पंजाब और हरियाणा होईकोर्ट ने आई-लीग क्लब मिनर्वा पंजाब (Minerva Punjab) पर लगे तीन साल के बैन को हटा दिया है. क्लब पर पिछले साल चंडीगढ़ फुटबाल क्लब (सीएफए) के खिलाफ 16वें ऑल इंडिया एडमिनिसट्रेटर अंडर-17 चैलेंज कप के फाइनल में मैदान पर अधिक उम्र के खिलाड़ियों को उतारने के कारण तीन साल का प्रतिबंध लगा था. हालांकि, 4 सितंबर को दिए गए अपने आदेश में, न्यायमूर्ति तेजिंदर सिंह ढींडसा ने कहा, 'एक प्रश्न के जवाब मे उत्तरदाताओं के वकील ने माना है कि नियमों का सही से पालन नहीं किया गया था. याचिकाकतार्ओं को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है जिसके कारण उन्हें यह दिखाने के लिए दस्तावेज देने की कोई जरूरत है कि क्या मैदान पर उतरे खिलड़ियों का जन्म 1.1.2002 को या उसके बाद हुआ था.'
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न्यायमूर्ति ने कहा, 'इतने छोटे नोटिस पर अकेला लगाया गया आदेश टिक नहीं सकता. यह कहने की जरूरत नहीं है कि चंडीगढ़ प्रशासन का खेल विभाग इस मामले पर फिर से विचार कर सकता है और कानून का सहारा ले सकता है.'
दिसंबर 2018 में लगाए गए प्रतिबंध के बाद क्लब को अगले तीन वर्षो के लिए एडमिनिसट्रेटर कप में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया था.
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मिनर्वा पंजाब (Minerva Punjab) के संस्थापक निदेशक रंजीत बजाज ने होईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह आदेश उनके लिए बड़ी राहत लेकर आया है.
Source : IANS