बेल्जियम की पुरुष हॉकी टीम ने यहां कलिंगा स्टेडियम में पेनाल्टी शूटआउट तक गए एक बेहद रोमांचक फाइनल मुकाबले में नीदरलैंड्स को 3-2 (0-0) से हराकर पहली बार विश्व कप का खिताब अपने नाम किया. विश्व कप के इतिहास में पहली बार कोई फाइनल मुकाबला निर्धारित समय में बिना किसी गोल के समाप्त हुआ और पेनाल्टी शूटआउट में गया, जहां 2016 रियो ओलम्पिक में फाइनल तक का सफर तय करने वाली बेल्जियम ने बाजी मारी.
इस हार के साथ ही तीन बार विश्व कप जीतने वाली नीदरलैंड्स का चौथी बार खिताब जीतने का सपना टूट गया. उसने आखिरी बार 1998 में खिताब अपने नाम किया था. पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा चार बार विश्व कप का खिताब अपने नाम किया है. दोनों टीमों ने पहले क्वार्टर में सधी हुई शुरुआत की. नीदरलैंड्स एवं बेल्जियम के खिलाड़ियों ने बेहतरीन पासिंग गेम खेला और डिफेंस में भी कोई खास गलती नहीं की.
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नीदरलैंड्स का दूसरे क्वार्टर में पलड़ा थोड़ा भारी रहा और उसने दोनों विंग से विपक्षी टीम के डिफेंस पर दबाव बनाया. इसका परिणाम नीदरलैंड्स को पहला समाप्त होने से कुछ मिनट पहले पेनाल्टी कॉर्नर के रूप में मिला. हालांकि, वह बढ़त बनाने में कामयाब नहीं हो पाई.
नीदरलैंड्स की टीम ने तीसरे क्वार्टर में भी अपने बेहतरीन खेल को जारी रखा लेकिन वे कई मौकों पर विपक्षी टीम के गोलकीपर को भेदने में कामयाब नहीं हो पाए. बेल्जियम की टीम ने चौथे क्वार्टर में बेहतरीन खेल दिखाते हुए कई काउंटर अटैक किए. हालांकि, कोई भी टीम गोल करने में कामयाब नहीं हो पाई.
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शूटआउट भी काफी रोमांचक रहा. एक समय नीदरलैंड्स 2-1 से आगे थी लेकिन बेल्जियम ने 2-2 की बराबरी कर ली. इसके बाद दोनों टीमों के प्रयास नाकाम रहे और दोनों ने अधिकतम प्रयासों की सीमा पार कर ली. सडन डेथ में पहले ही प्रयास में बेल्जियम ने गोल किया लेकिन नीदरलैंड्स का खिलाड़ी गोल नहीं कर सका और कलिंगा स्टेडियम में शानदार आतिशबाजी के बीच बेल्जियाई टीम जश्न में डूब गई.
Source : IANS