Olympics: पेरिस ओलंपिक में भारत का सफर 6 मेडल्स के साथ खत्म हो गया. अक्सर जब भी ओलंपिक्स होते हैं, तो हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा भी कभी खेल के सबसे बड़े इवेंट का हिस्सा बने. देश के लिए मेडल्स जीतकर सबका नाम रौशन करे. अक्सर पेरेंट्स कुछ ऐसे खेलों में बच्चों को ट्रेनिंग कराते हैं, जिनमें पहले से ही काफी भीड़ है. लेकिन, आज हम आपको 5 ऐसे खेल बताने वाले हैं, जिनमें इतनी भीड़ नहीं है, जिससे आपके बच्चे को भी आगे बढ़ने का मौका मिल सकता है.
बैडमिंटन टेनिस में है भीड़
कुछ खेल ऐसे है, जिनकी ट्रेनिंग भारत में काफी आसानी से मिल जाती है और जगह-जगह पर बच्चे आपको खेलते भी दिख जाएंगे. अक्सर आपने बच्चों को बैडमिंटन, टेनिस और क्रिकेट खेलते हुए देखा होगा. क्रिकेट का खेल तो ऐसा है, जिसमें हमेशा से ही टफ कॉम्पटीशन रहा है. लेकिन, पिछले 10 सालों में बैडमिंटन और टेनिस जैसे खेलों में भी काफी भीड़ बढ़ गई है. वहीं, टेनिस में भी ज्यादा बच्चे हिस्सा लेते हैं.
कम भीड़ वाले खेलों में मिलता है ज्यादा चांस
अब यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आगे बढ़े और ओलंपिक, एशियन गेम्स जैसे बड़े-बड़े इवेंट्स में हिस्सा ले. भारत के लिए मेडल्स जीते, तो आपको खेल चुनने से पहले कई बातों का ध्यान रखना होगा. खासतौर पर इस बात का ख्याल रखना होगा कि उन्हीं खेलों में अपने बच्चों की रुचि जगाए, जिनमें कम लोग हिस्सा लेते हैं.
उदाहरण के लिए जब नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता, तब तक कम ही पेरेंट्स ऐसे होंगे, जिन्होंने अपने बच्चों को भाला फेंक की ट्रेनिंग दिलाई होगी. हालांकि, इस बात में कोई दोराय नहीं है कि उस मुकाम पर पहुंचने के लिए मेहनत और किस्मत का कॉम्बिनेशन होना जरूरी है. मगर, फिर भी जिन खेलों में पहले से लाखों-करोड़ों बच्चे कॉम्पटीशन देने को तैयार है, तो वहां आगे बढ़ने का चांस कम हो जाता है.
इन खेलों में आजमा सकते हैं हाथ
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर वो गेम्स कौन से हैं, जिसे खेलकर आपके बच्चे आगे बढ़ सकते हैं. देखिए, पेरिस ओलंपिक में 42 खेलों में खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. साइकिलिंग को हम हॉबी की तरह देखते हैं, लेकिन अगर आप प्रोफेशनली अपने बच्चों को इसके लिए ट्रेन करें, तो ओलंपिक में आपका बच्चा इसमें मेडल्स जीत सकता है.
इसके अलावा, जिमनास्टिक हमेशा से ही बच्चों के लिए अच्छा विकल्प रहा है. स्विमिंग, एथलेटिक्स और ट्रैक एंड फील्ड गेम्स में भी आपके बच्चे अच्छा करके ओलंपिक तक का सफर तय कर सकते हैं.
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