कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण बेहद ही खराब वित्तीय स्थिति का सामना कर रही लंबी दूरी की भारतीय धावक प्राजक्ता गोडबोले को आखिर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी से मदद मिली. प्राजक्ता की परेशानी की खबर पीटीआई-भाषा ने जारी की थी. चौबीस साल की प्राजक्ता नागपुर में सिरासपेठ झुग्गी में अपने माता-पिता के साथ रहती हैं. उनके पिता लकवाग्रस्त हैं जबकि लॉकडाउन के कारण उनकी मां बेरोजगार हो गयी है.
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प्राजक्ता को शिव सेना की ओर से मदद पहुंचायी गयी. महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व में गठबंधन सरकार है. शिवसेना नागपुर शहर के प्रमुख प्रकाश जाधव ने पीटीआई को बताया कि पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को जब प्राजक्ता की स्थिति के बारे में पता चला तब उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों (सम्पूर्ण प्रांतों) के माध्यम से उन्हें मदद पहुंचाने का निर्देश दिया.
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उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले, हमने एथलीट (प्राजक्ता) को राशन और 16,000 रुपये की छोटी राशि प्रदान की. हम उसके संपर्क में रहेंगे और हर संभव सहायता प्रदान करेंगे.’’ प्राजक्ता ने 2019 में इटली में विश्व विश्वविद्यालय खेलों की 5000 मीटर रेस में भारतीय विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया था, जिसमें उन्होंने 18:23.92 का समय निकाला था लेकिन वह फाइनल दौर के लिये क्वालीफाई नहीं कर पायी थीं.
Source : Bhasha