विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने मंगलावर को कुश्ती को राष्ट्रीय खेल बनाने की अपील की. पूनिया की ये मांग विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारत के शानदार प्रदर्शन के बाद सामने आई है. पूनिया का कहना है कि देश के पहलवान ओलंपिक खेलों के साथ-साथ विश्व स्तर पर खेले जानी वाली बड़ी प्रतियोगिताओं में लगातार लाजवाब प्रदर्शन कर कई पदक जीत रहे हैं.
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गौरतलब है कि पूनिया से पहले भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने भी सोमवार को कुश्ती को राष्ट्रीय खेल बनाने का विचार सामने रखा था. बृजभूषण ने सोमवार को खेल मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा आयोजित किए गए एक पुरस्कार समारोह में अपने विचार सामने रखे. जिसके बाद दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने भी बृजभूषण के विचारों का समर्थन किया था.
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पहलवान बजरंग पूनिया और डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की इस मांग पर खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने साफ कर दिया कि ऐसा करना काफी मुश्किल है. किरेन रिजिजू ने कहा कि उनके लिए सभी खेल एक समान हैं और वे किसी एक खेल को दूसरे खेल से बेहतर या बड़ा नहीं आंक सकते. उन्होंने कहा कि एक खेल मंत्री होने के नाते मैं किसी एक खेल को ज्यादा महत्व नहीं दे सकता.
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उन्होंने कुश्ती को राष्ट्रीय खेल बनाने की मांग करने वालों के सामने अपने इरादों को साफ करते हुए कहा कि वे किसी भी खेल के साथ भेदभाव नहीं कर सकते हैं. बता दें कि किरेन रिजिजू ने अभी हाल ही में विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले मुक्केबाजों और पहलवानों को नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया था.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो