भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने 2020 ओलंपिक के दौरान सीनियर उपाध्यक्ष अनिल खन्ना से 2020 ओलंपिक के दौरान टोक्यो में होटल बुकिंग में हुई देरी के कारण हुए नुकसान का विस्तृत ब्यौरा मांगा है. यह ब्यौरा ऐसे समय में मांगा गया है जब बत्रा और आईओए के महासचिव राजीव मेहता के बीच मतभेद की खबरें उजागर हुई है. जिस समय टोक्यो में होटल बुकिंग की जा रही थी, उस समय खन्ना आईओए की वित्त समिति के अध्यक्ष थे.
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बत्रा ने एक पत्र में कहा, "मेरे साथ जिस दर को लेकर चर्चा की गई थी और महासचिव ने मुझे जिस पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा था, उसके अनुसार जून 2019 में प्रतिदिन प्रति कमरे की दर करीब 725 डॉलर थी. वित्त समिति के अध्यक्ष के रूप में आप अपनी समझदारी के हिसाब से जून 2019 में इसे पूरा नहीं करने का फैसला करते हैं और इसे लंबित रखते हैं. इसके बाद फरवरी 2020 में इसे क्लीयर करते हैं, तब जब इसे (दर) लगभग 1080-90 प्रति दिन के हिसाब से लंबित रखा जाता है."
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बत्रा ने पत्र में कहा कि इस देरी के कारण आईओए को करीब 70 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करना पड़ा, जिसका भुगतान शुरूआत में किया जाना था. आनंद उस नैतिक आयोग का हिस्सा थे, जिसे बत्रा ने 19 मई को भंग कर दिया था. इस पर मेहता ने कहा था कि बत्रा की कार्रवाई अवैध थी.
Source : IANS