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जूनियर हॉकी विश्व कप: बेल्जियम को हराया तो भारतीय टीम दूसरी बार बनेगी विश्व चैंपियन

भारत ने पहली बार 2001 में जूनियर विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। तब भारतीय टीम ने अर्जेटीना को मात दी थी।

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vineet kumar
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जूनियर हॉकी विश्व कप: बेल्जियम को हराया तो भारतीय टीम दूसरी बार बनेगी विश्व चैंपियन

जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप (File Photo)

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जूनियर हॉकी विश्व कप के फाइनल में भारतीय टीम जब रविवार को लखनऊ के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में जब बेल्जियम के सामने होगी तो टीम की कोशिश 15 साल के सूखे को खत्म करने की होगी।

भारत ने पहली बार 2001 में जूनियर विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। आस्ट्रेलिया की मेजबानी में हुए उस जूनियर हॉकी विश्व कप के फाइनल में भारतीय टीम ने अर्जेटीना को मात दी थी।

वहीं दूसरी ओर बेल्जियम की नजरें पहली बार खिताब अपने नाम करने पर होंगी। उसने पहली बार जूनियर विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई है।

एक बार फिर भारतीय टीम इतिहास को अपने घर में दोहराना चाहेगी। माहौल उसके पक्ष में है। भारतीय टीम को घरेलू समर्थन हासिल है और खिताबी मुकाबले में यह उसकी सबसे बड़ी ताकत भी साबित हो सकता है।

मेजबान टीम अब तक इस टूर्नामेंट में अपराजित रही है। उसने ग्रुप दौर में अपने तीनों मैच जीते और कनाडा, इंग्लैंड तथा दक्षिण अफ्रीका को एक तरफा मुकाबलों में मात दी। क्वार्टर फाइनल में उसने अपने शानदार और आक्रामक खेल से स्पेन जैसी मजबूत टीम को हराया।

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सेमीफाइनल में उसका सामना खिताब की मजबूत दावेदारों में से एक मानी जा रही आस्ट्रेलिया से हुआ जिसे उसने बेहद की रोमांचक और कड़े मुकाबल में पेनाल्टी शूटआउट में मात दी।

लेकिन फाइनल में उसके सामने ऐसी टीम है जिसका खेल इस पूरे विश्व कप में बेहद ही आक्रामक रहा है। बेल्जियम फाइनल में दो बार की मौजूदा विजेता जर्मनी को सेमीफाइनल में मात देकर फाइनल में पहुंची है। बेल्जियम भी अब तक टूर्नामेंट में अपराजित रही है। भारत के लिए उसकी चुनौती से पार पाना आसान नहीं होगा।

भारत के लिए टूर्नामेंट में अब तक सब कुछ अच्छा रहा है। टीम की रक्षापंक्ति से लेकर आक्रमण पंक्ति ने अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन मैच के आखिरी मिनटों में उसका ढुलमुल रवैया उसे नुकसान पहुंचा सकता है।

भारत को इस मैच में हरमनप्रीत सिंह, सुमित और मनप्रीत से काफी उम्मीदें होंगी। बेल्जियम की मजबूत रक्षापंक्ति को भेदने की जिम्मेदारी इन तीनों के कंधों पर ही होगी। भारतीय रक्षापंक्ति को भी सजग और चुस्त रहना होगा। बेल्जियम की टीम किसी भी मौके को गंवाती नहीं है। ऐसे में फाइनल में भारत को पिछले मुकाबलों की अपेक्षा और बेहतर खेल दिखाना होगा।

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इस टूर्नामेंट में अगर दोनों टीमों का प्रदर्शन देखा जाए तो समान ही रहा है। लेकिन भारत के पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की कमजोरी पिछले कुछ मैचों में साफ सामने आई है। यह एक जगह है जहां मेजबानों को फाइनल में काम करना होगा।

वहीं, बेल्जियम के लिए सबसे बड़ी चुनौती भारत के खिलाफ घर में ही खेलने की है। लेकिन उसका ध्यान मैदान पर अपने प्रदर्शन पर होगा। वह पहली बार विश्व विजेता बनने के इस मौके पर हाथ से जाने नहीं देना चाहेगी और पूरे दम के साथ मैदान पर उतरेगी।

HIGHLIGHTS

  • जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप में बेल्जियम से रविवार को सामना
  • घरेलू माहौल में बेल्जियम पर भारी पड़ सकती है भारतीय टीम

Source : IANS

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