Manasi Joshi: भारत में गिनी चुनी ऐसी लड़कियां हैं, जिनके ऊपर बार्बी डॉल बनाई गई हो. मानसी जोशी उनमें से एक हैं. साल 2020 में बार्बी डॉल बनाने वाली कंपनी ने यह घोषणा की थी कि एक बार्बी डॉल मानसी जोशी पर आधारित बनाई जाएगी. यानी बार्बी डॉल का चेहरा हूबहू मानसी जोशी जैसा होगा. यह सुनने में बेशक शानदार लगे लेकिन मानसी जोशी का संघर्ष रोमांचित करने वाला है. मानसी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थीं लेकिन एक एक्सीडेंट में पैर गवां बैठीं. इसके बाद उन्होंने बैडमिंटन प्लेअर के तौर पर आगे बढ़ना शुरू किया और आज पैरा बैडमिंटन प्लेअर के तौर पर दुनिया में धाक जमा ली है. मानसी जोशी का जन्म 11 जून 1989 को गुजरात के राजकोट में हुआ. उनके पिता जी भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक थे.
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मानसी जोशी ने साल 2010 में मुंबई के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की और बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करने लगीं लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. साल 2011 में उनका एक्सीडेंट हो गया. मानसी बचपन से स्पोर्ट लवर थीं. बैडमिंटन उनके प्रिय खेलों में एक था. एक्सीडेंट में एक पैर गवां बैठीं, मानसी ने एक पैर से ही बैडमिंटन खेलना शुरू किया. उनका खेल देखकर एक साथी ने पैरा बैडमिंटन में आगे बढ़ने की सलाह दी.
इसके बाद एक पैर से ही मानसी ने बैडमिंटन की दुनिया में दौड़ना शुरू किया. इसके बाद मेडल दर मेडल जीतती गईं. पैरा बैडमिंटन में मानसी ने साल 2015 में इंग्लैंड में वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर जीता. इसके बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप में ही साल 2017 में साउथ कोरिया में ब्रॉंज और साल 2019 में स्विटजरलैंड में गोल्ड जीता. इसके अलावा एशियन में साल 2016 में मानसी ब्रॉंज मेडल जीत चुकी हैं. साल 2018 में एशियन पैरा गेम्स में भी ब्रॉंज मेडल मिल चुका है. साल 2020 में बीबीसी औऱ फोर्ब इंडिया ने 100 सेल्फ मेड महिलाओं की सूची में मानसी को शामिल किया. बता दें कि मानसी ने पुलेला गोपीचंद की अकादमी में ट्रेनिंग ली है.