भारतीय मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम (MC Mary Kom) जिन्होंने कम समय में एक ऐसा मुकाम हासिल किया, जहां पहुंचना बड़े-बड़े लोगों के लिए असंभव सा है. आज भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) ने एक बयान में कहा कि युवा पीढ़ी के लिए जगह बनाने के लिए एमसी मैरिकॉम विश्व चैंपियनशिप (World Championships) और एशियाई खेलों (Asian Games) में भाग नहीं लेंगी. इसका मतलब यह है कि मैरीकॉम अब प्रतिस्पर्धा करते हुए नहीं दिखेंगी. बॉक्सिंग चैपिंयन (Boxing Champion) में 5 बार गोल्ड मेडल जीतने वाली मैरीकॉम ने दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाया है.
एमसी मैरीकॉम (MC Mary Kom) के करियर पर नजर डालें तो साल 2000 जब मैरीकॉम ने पहली बार बॉक्सिंग की दुनिया में कदम रखा तो उनके लिए आसान नहीं था. लेकिन एक साल बाद ही साल 2001 में मैरीकॉम ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीतकर भारत के लिए सिल्वर मेडल (Silver Medal) जीता. इस जीत के साथ ही उन्होंने सबकी सोंच के बदल दिया.
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साल 2002 में एमसी मैरिकॉम (MC Mary Kom) ने 45 किलो ग्राम वर्ग में पहला गोल्ड जीतकर बॉक्सिंग की दुनिया को अपना दम दिखाया. इसके बाद साल 2005 और 2006 में मैरीकॉम ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन कर भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता. आपको बता दें कि जिस तरह से मैरिकॉम का सफर रहा वो किसी प्रेरणा से कम नहीं है.