Neeraj Chopra: पेरिस ओलंपिक 2024 में जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा से हर किसी को गोल्ड मेडल की उम्मीद थी, लेकिन फाइनल में वह अपने बेस्ट पर नहीं दिखे, क्योंकि 6 थ्रो में से उन्होंने 5 फाउल किए. हालांकि, उन्होंने सिल्वर मेडल जीतकर भारत को 5वां मेडल जिताया. मैच खत्म होने के बाद नीरज ने उस वजह के बारे में बताया, जिसकी वजह से वह मैच के दौरान फोकस नहीं कर पाए...
नीरज चोपड़ा ने बताई वजह
टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक में दूसरे नंबर पर रहे और सिल्वर मेडल जीता. लेकिन, वह लगातार 2 गोल्ड जीतने से चूक गए. इसके बाद नीरज ने अपने बयान में कहा कि, 'जब भी मैं थ्रो करने के दौड़ लगाना शुरू करता, तो मेरा 60 से 70 प्रतिशत ध्यान इंजरी पर होता है. आज मेडल इवेंट में मेरी दौड़ सही नहीं थी और स्पीड भी थोड़ी धीमी थी. मैंने जो भी किया है वह इस समस्या से जूझते हुए किया है. मेरे पास सर्जरी कराने का समय नहीं था इसीलिए मैं खुद को लगातार आगे बढ़ा रहा था.'
अरशद के थ्रो पर नीरज ने कहा, "मैं 2010 से अरशद के खिलाफ खेल रहा हूं और आज पहली बार हारा हूं. ये गेम है और हमें इसे स्वीकार भी करना चाहिए. जब तक हमारे शरीर में ताकत है, हम एशियाई वर्चस्व को बनाए रखने की कोशिश करेंगे. मैंने सीखा है कि आपकी मानसिकता सबसे बड़ी चीज है."
नीरज चोपड़ा पिछले काफी वक्त से इंजरी से जूझ रहे हैं. इसी कारण उन्होंने कई बड़ी प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं लिया और खुद को ओलंपिक के लिए तैयार किया.
5 फाउल के बाद भी जीता सिल्वर
पेरिस ओलंपिक 2024 के फाइनल की बात करें, तो नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर के थ्रो की बदौलत सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया. लेकिन, अगर फाइनल में नीरज के गेम की बात करें, तो वह संतुलन में नजर नहीं आ रहे थे. उन्होंने 6 थ्रो किए, जिसमें से 5 बार उन्होंने फाउल किया. जी हां, दूसरा थ्रो उनका सही रहा, जिसमें उन्होंने 89.45 मीटर की रेंज कवर की और मेडल के दावेदार बने.
आपको बता दें, फाइनल में पाकिस्तान के नदीम अरशद ने 92.97 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड पर कब्जा जमाया. नदीम भी अपना पहला थ्रो सही से नहीं कर पाए थे, लेकिन फिर उन्होंने वापसी की और दूसरे थ्रो के साथ ओलंपिक में सबसे दूर भाला फेंकने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया.