भारत 44वें शतरंज ओलंपियाड (44th Chess Olympiad) का आयोजन कर रहा है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दुनियाभर के खिलाड़ियों का स्वागत करने के साथ ही टूर्नामेंट का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने उद्घाटन करने के दौरान अतिथि देवो भव की भारत की परंपरा का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि खेलों में कोई हारता नहीं है क्योंकि इसमें विजेता और भावी विजेता होते हैं. आपको बता दें कि भारत पहली बार शतरंज ओलंपियाड का आयोजन कर रहा है. पीएम मोदी ने जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम (Jawaharlal Nehru Stadium) में तमिलनाडु की संस्कृति को दर्शाते हुए रंगारंग कार्यक्रम में उद्घाटन किया.
पीएम मोदी (PM Modi) ने उद्घाटन के साथ ही दुनियाभर के खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि में कहा कि संत तिरूवल्लुवर ने कहा था कि आजीविका कमाने और घर बनाने का एक ही लक्ष्य होता है कि वो आतिथ्य से परिपूर्ण हो. हम पूरा प्रयास करेंगे कि आपका प्रवास सुखद हो और आप अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखा सकें. पीएम मोदी (PM Modi) ने आगे कहा कि खेल सुंदर है क्योंकि इसमें लोगों को, समाज को जोड़ने की ताकत है. ये टीमवर्क को बढ़ावा देता है. दो साल पहले कोरोना महामारी की शुरूआत हुई और दुनिया थम गई लेकिन ऐसे समय में खेल आयोजनों ने दुनिया को जोड़ा. हर टूर्नामेंट ने महत्वपूर्ण संदेश दिया कि हम एकसाथ अधिक मजबूत है. मुझे यही भावना यहां दिख रही है.
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खेलों के लिए आज अच्छा दिन है. यहां 44वां शतरंज ओलंपियाड शुरू हो रहा है और ब्रिटेन में हजारों खिलाड़ी राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रहे हैं. मैं यहां एकत्र हुए सभी खिलाड़ियों को शुभकामना देता हूं. उम्मीद करता हूं कि भारत की अच्छी यादें लेकर आप जायेंगे . भारत आपका हमेशा खुलेदिन से स्वागत करेगा. खेलों में कोई हारता नहीं है. इसमें विजेता होते हैं और भावी विजेता होते हैं.
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आपको बता दें कि शतरंज ओलंपियाड का आयोजन मामल्लापुरम में हो रहा है. भारत शतरंज ओलंपियाड की पहली बार मेजबानी कर रहा है. इस बार ओपन वर्ग में 188 और महिला वर्ग में 162 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे. इसकी मशाल रिले पिछले 40 दिन में 75 शहरों में होती हुई यहां पहुंची है. शतरंज ओलंपियाड के उद्घाटन के दौरान तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि (RN Ravi), मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (MK Stalin) और खेलमंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) भी मौजूद रहे. खेलमंत्री ठाकुर ने कहा कि सिर्फ तीन महीने में इस टूर्नामेंट का आयोजन कर पाना आसान नहीं था. दुनिया में कोई नहीं कर सकता लेकिन भारत ने कर दिखाया.