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Article 370: कश्मीर मुद्दे पर जानें क्या बोली मैरी कॉम, द्रोणाचार्य पुरस्कार चयन समिति से हटी

ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मैरी कॉम (Mary Kom) जिस चयन समिति मे शामिल थी उसमें पुरस्कार की दौड़ में उनके कोट छोटेलाल यादव भी शामिल थे जिसके कारण समिति में उन्हें शामिल किये जाने को लेकर काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा था.

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vineet kumar1
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Article 370: कश्मीर मुद्दे पर जानें क्या बोली मैरी कॉम, द्रोणाचार्य पुरस्कार चयन समिति से हटी

Article 370: कश्मीर मुद्दे पर जानें क्या बोली मैरी कॉम

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छह बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम (Mary Kom) ने खुद को द्रोणाचार्य पुरस्कार चयन समिति से अलग कर लिया. मैरी कॉम (Mary Kom) ने चयन समिति से खुद को अलग करते हुए ट्रायल संबंधित विवादों पर नाराजगी दिखाई और कहा कि इसका सीधा असर उन पर पड़ता है. दरअसल ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मैरी कॉम (Mary Kom) जिस चयन समिति मे शामिल थी उसमें पुरस्कार की दौड़ में उनके कोट छोटेलाल यादव भी शामिल थे जिसके कारण समिति में उन्हें शामिल किये जाने को लेकर काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा था. रिपोर्टस के अनुसार भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने छोटेलाल यादव का नाम मैरीकॉम की सलाह पर भेजा था.

इस दौरान मैरी कॉम (Mary Kom) ने कई सवालों पर बेबाकी से अपनी राय रखी, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने पर मैरी कॉम (Mary Kom) ने कहा,'जम्मू-कश्मीर के किसी भी एथलीट को अब बेहतर सेवाएं दी जा सकेंगी, और केंद्र सरकार उनकी बेहतरी के लिए और अच्छे से काम कर सकेगी. खिलाड़ियों को अब पहले से ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी और वो देश के लिए और बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे. मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार इन खिलाड़ियों को अब और बेहतर सुविधाएं मुहैया करा सकेगा.'

वहीं जब मैरी कॉम (Mary Kom) से चयन समिति से हटने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पहले समिति में शामिल होने पर विवाद खड़ा कर दिया गया अब फिर इस पर सवाल पूछे जा रहे हैं.

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मैरी कॉम (Mary Kom) ने कहा,'यह दुर्भाग्यपूर्ण था. मैं पहले भी चेयरमैन (पुरस्कार चयन समिति में) थी, इस बार भी मैं चयन समिति में थी. यह दूसरा मौका है जब समिति का हिस्सा थी. क्या इससे पहले के समय में कोई विवाद हुआ था? मैंने कई कोचों की भी सिफारिश की थी, इस बार क्या हुआ, पता नहीं.'

यह पूछने पर कि इसलिए आपने समिति की बैठक से हटने का फैसला किया तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल, क्यों नहीं? मैं रहूंगी तो फिर इससे ‘दोगुनी’ समस्या होगी. इससे फिर एक अन्य परेशानी खड़ी हो जायेगी. इसका असर मुझ पर पड़ रहा है. मैं बार- बार इससे उबर रही हूं. जो भी द्रोणाचार्य पुरस्कार का हकदार है, उसे चुना जाना चाहिए. निश्चित रूप से उसका योगदान अहम है.

इससे पहले विश्व चैंपियनशिप के लिए चुई गई 10 सदस्यीय टीम में मैरीकॉम को बिना ट्रायल के शामिल किया गया जिसको लेकर 51 किग्रा वर्ग में उनकी सहभागी खिलाड़ी निकहत जरीन ट्रायल नहीं कराने से खफा थी.

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भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने मैरीकॉम के प्रदर्शन और पदक की दावेदारी को देखते हुए उन्हें टीम में शामिल करने का फैसला किया जिसको लेकर निकहत जरीन ने सवाल उठाए.

जब टीम चयन के लिये ट्रायल को लेकर मैरी कॉम (Mary Kom) से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह मेरे हाथ में नहीं है.

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मैरी कॉम (Mary Kom) ने कहा,'बीएफआई सबकुछ देखता है, सरकार सबकुछ देख रही है. जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें सीधे ही किसी भी टूर्नामेंट के लिये कोटा मिल जाना चाहिए. अन्य खेलों में भी देखो, जैसे बैडमिंटन. उसमें कौन ट्रायल देता है. किसने ट्रायल दिया. सायना नेहवाल या पीवी सिंधु ने ट्रायल दिया. लेकिन हमारे खेल में ट्रायल-ट्रायल. कभी कभार, अजीब सा भी लगता है. मैंने अपने प्रदर्शन और काबिलियत से स्पष्ट रूप से बताया है कि कौन बेहतर कर रहा है, कौन नहीं.'

Source : News Nation Bureau

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