भारत ने क्रोएशिया के ओसिजेक में जारी अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) विश्व कप राइफल/पिस्टल/शॉटगन चरण में अपना दूसरा पदक जीता. यह कांस्य पदक उसे महिलाओं ने 10 मीटर एयर पिस्टल टीम ने हंगरी को 16-12 से हराकर दिलाया. 10मी एयर टीम में शामिल, राही सरनोबत, मनु भाकर और यशस्विनी देसवाल पहले क्वालीफिकेशन के दो दौर से होकर पदक की दौड़ में पहुंचे थी. उन्होंने गुरुवार को पहले दौर में शीर्ष स्थान हासिल किया था और फिर दूसरे दौर में, जिसमें पहले दौर की शीर्ष आठ टीमें शामिल थीं, स्वर्ण पदक के मैच में दो अंकों से चूक गईं.
वेरोनिका मेजर, सारा फैबियन और मिरियम जाको की हंगेरियन तिकड़ी के खिलाफ कांस्य पदक मैच में, भारतीयों ने प्रति टीम प्रति सदस्य तीन सिंगल शॉट्स की पहली 10 सीरीज में से सात जीतकर 14-6 की बढ़त बना ली. उच्चतम तीन-शॉट वाली टीम को दो अंक दिए जाते हैं, जबकि एक टाई के मामले में, अंक समान रूप से विभाजित होते हैं. पहले 16 अंकों के साथ मैच जीत जाता है.
पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल टीम के कांस्य पदक मैच में भारतीय एक और कड़े मुकाबले में शामिल थे, लेकिन इस बार वे पदक नहीं हासिल कर सके. दिव्यांश सिंह पंवार, दीपक कुमार और ऐश्वर्या प्रताप सिंह तोमर और सर्बिया के भारत के बीच कांस्य पदक मैच 4-4, 5-5,6-6, 8-8, 10-10, 12-12 से बराबरी पर था. और फिर 14-14 से पहले बाद में अंत में इसे हासिल किया.
पुरुषों की स्कीट में भारत के एकमात्र खिलाड़ी गुरजोत खंगुरा क्वालिफिकेशन में 115 के स्कोर के साथ 56वें स्थान पर रहे. सौरभ चौधरी ने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में गुरुवार को पहले दिन भारत का पहला पदक-कांस्य भी जीता.
पूजा अग्रवाल ने वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स कप में दो सिल्वर मेडल जीते
वहीं, पेरू के लीमा में आयोजित विश्व शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स कप में शार्प पैरा शूटर पूजा अग्रवाल की जीत पर इंडियन बैंक उनकी प्रेरक उपलब्धि एवं अदम्य उत्साह का जश्न मना रहा है. पूजा ने अपनी विजय की लंबी सूची में दो रजत जोड़े. इंडियन बैंक में प्रबंधक के रूप में काम करते हुए पूजा का अंतर्राष्ट्रीय पैरा पिस्टल शूटिंग के लिए स्पोट्र्ज क्राफ्ट (दिल्ली) में कोच सुभाष राणा के साथ पूर्णत्व शूटिंग एकेडमी के अंतर्गत घर से 40 किलोमीटर दूर डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में प्रशिक्षण जारी है और वे विश्व स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.
35 वर्षीय पूजा ने वर्ष 2014 में बैंक में नियुक्ति के बाद वर्ष 2016 में निशानेबाजी शुरू की. वर्ष 2012 में उनके साथ एक दुखद दुर्घटना घटी जिसमें उन्हें अपने पैर गंवाने पड़े. तब से वह सभी बाधाओं पर विजय प्राप्त करते हुए एक दिव्यांग शार्प शूटर के रूप में प्रेरणादायक यात्रा पर अग्रसर हैं. अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यों से जूझने से लेकर सशक्त एवं स्वतंत्र महिला बनने तक पूजा की यात्रा बाधाओं से लड़ने और खुद के लिए, अपने बैंक के लिए और अपने देश के लिए पहचान बनाने के लिए ²ढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करती हैं.
Source : IANS