टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय महिला हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया जैसी ताकतवर टीम को हराकर इतिहास रच दिया है. ये पहली बार है, जब भारतीय टीम ओलंपिक के फाइनल में पहुंची है. वैसे तो ये भारतीय हॉकी टीम की जीत है, लेकिन भारत की इस जीत में एक विदेशी का भी काफी बड़ा हाथ है. वे हैं इस टीम के कोच शुअर्ड मारिने. शुअर्ड मारिने ने पिछले कुछ साल से भारतीय हॉकी टीम पर लगातार काफी मेहनत की है और उस मेहनत का फल अब मिलने में केवल एक जीत और दूर है. यानी भारतीय टीम अगर एक और मैच जीत लेती है तो उसका इस बार के ओलंपिक में पदक पक्का हो जाएगा. महिला खिताबी जीत के लिए अर्जेंटीना के खिलाफ चार अगस्त को मैदान में फिर से उतरेगी. आज के मैच में कहीं न कहीं शाहरुख खान की फिल्म चक दे इंडिया की याद दिला दी. वे फिल्म में भारतीय हॉकी टीम के लिए लगातार मेहनत करते हैं और टीम आखिरकार जीत भी जाती है. वो फिल्म थी, लेकिन उस मूवी के इतने साल बाद आज फिर से कुछ कुछ वही दृश्य हमें मैदान पर लाइव देखने के लिए मिले.
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जब भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी, उसके बाद कोच शुअर्ड मारिने ने कहा था कि जर्मनी के खिलाफ मैच के बाद उन्हें टीम में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं और टोक्यो ओलंपिक में ग्रेट ब्रिटेन के साथ होने वाले मैच में और बेहतर प्रदर्शन करेगी. उनकी बात सही साबित हुई. भारतीय टीम ने भले एक गोल किया. लेकिन ऑस्ट्रेलिया को जो भी मौके मिले, भारतीय टीम ने अपने दमदार प्रदर्शन से उन्हें बेकार कर दिया और तीन बार की ओलंपिक चैंपियन टीम एक भी गोल करने में कामयाब नहीं हो सकी. हालांकि इससे पहले सोमवार को जर्मनी के साथ हुए मैच में भारतीय टीम को 2-0 से हार का सामना करना पड़ा था, वहीं पहले मैच में भी टीम को नीदरलैंड के खिलाफ 5-1 से शिकस्त झेलनी पड़ी. उस वक्त किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि टीम उस मोड़ पर पहुंच जाएगी, जहां से खिताब केवल एक ही कदम की दूरी पर होगा.
शुअर्ड मारिने ने कहा था कि हम अपने पिछले मैच की तुलना में कल बेहतर खेले. प्रत्येक मैच के साथ खेल में सुधार होना चाहिए, और इसी हम पर ध्यान दे रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि हम पेनल्टी स्ट्रोक चूक गए जहां हमारा स्कोर 1-0 हो सकता था. लेकिन मैं खुश हूं कि हमारे पास वह स्ट्रोक था. हमारे पास स्कोर करने के कई अवसर थे, जो एक सकारात्मक संकेत है. हम पूरे जोश के साथ खेले और जर्मनी पर दबाव बनाने में कामयाब रहे. अब हम अगले मैच के लिए रिकवरी और सुधार करने पर ध्यान दे रहे हैं.
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टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय टीम को सेमीफाइनल तक ले जाने वाली टीम की कप्तान रानी हैं. टीम में उनके योगदान को भी कम करके नहीं आंका जा सकता. क्रिकेट में तो जीत पर हम उसके कप्तान को तुरंत क्रेडिट देना शुरू कर देते हैं, लेकिन बाकी खेलों में ऐसा कम ही देखने को मिलता है. आज भारतीय महिला हॉकी टीम ने जो इतिहास रचा है, उसे सालों साल याद किया जाएगा. आज के मैच से पहले रानी ने कहा था कि हमने जर्मनी जैसी मजबूत टीम के खिलाफ काफी मौके बनाए और हमारे डिफेंस ने पहले से बेहतर प्रदर्शन किया. हम जानते हैं कि हम सही रास्ते पर हैं और हमारा समय आएगा. हमें एकजुट होकर अपनी ताकत दिखानी चाहिए क्योंकि यह एक लंबी प्रतियोगिता है और हमारे पास खेलने के लिए अभी भी मैच बाकी हैं. ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ मैच पर बात करते हुए रानी ने कहा था कि हम जानते है कि वे डिफेंडिंग चैंपियंस हैं और उनके विरुध खेलना चुनौतीपुर्ण रहेगा. लेकिन हम अपनी तैयारी पर ज्यादा ध्यान दे रहें हैं पिछले मैच से जो हमने गलतियां की है उस पर काम कर रहें हैं. आने वाले मैच में पूरी तैयारी के साथ खेलेंगे. अब भारतीय हॉकी टीम का लक्ष्य को वैसे गोल्ड रहेगा, लेकिन एक मैच और जीतने के बाद ही हमारा मेडल पक्का हो जाएगा. टीम के बाकी खिलाड़यों का तो योगदार रहा ही, लेकिन कोच और कप्तान ने टीम को एकजुट करने और यहां तक पहुंचाने में जो काम किया, उसे सालों साल याद रखा जाएगा.
Source : Sports Desk