पिछले लगभग एक साल से भारतीय पहलवान का एक तपका न्याय की गुहार लगा रहा है. नतीजन, रविवार को बड़ी खबर सामने आई कि भारत सरकार ने भारतीय कुश्ती संघ को सस्पेंड कर दिया और नए प्रेसिडेंट बने संजय सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है. दरअसल, हाल ही में भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव हुए थे, जिसमें BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खास संजय सिंह को जीत मिली थी और उन्हें नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. इसके बाद एक बार फिर भारतीय पहलवानों ने जंग छेड़ दी थी.
खेल मंत्रालय ने उठाया बड़ा कदम
पिछले एक साल से भारतीय कुश्ती संघ में घमासान मचा हुआ है. महीनों तक पहलवानों के धरना देने के बाद अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अपना पद छोड़ दिया था. तब ऐसा लगा था कि अब सब ठीक हो जाएगा. मगर, चुनाव हुए और एक बार फिर बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को ही भारतीय कुश्ती संघ का प्रेसिडेंट बना दिया गया. इसके बाद तो मानो इंसाफ की मांग कर रहे पहलवानों का हौसला ही खत्म हो गया और एक के बाद एक बड़े फैसले लिए. जहां, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास ले लिया, वहीं बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पद्मश्री अवॉर्ड लौटा दिया. इन सब विवादों के बाद अब सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है और भारतीय कुश्ती संघ को ही सस्पेंड कर दिया है.
खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघर को सस्पेंड करते हुए संजय सिंह द्वारा लिए गए सभी फैसलों पर भी रोक लगा दी है. जी हां, स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री ने अगले आदेश तक रेसलिंग फेडरेशन में किसी भी तरह की एक्टिविटी पर रोक लगा दी है. WFI को लेकर दिए गए निर्देश में साफ कहा गया है कि ऐसा मालूम पड़ता है कि पुराने पदाधिकारी ही सारे फैसले ले रहे हैं.
खेल मंत्रालय के इस एक्शन पर बजरंग पूनिया ने कहा है कि, मुझे अभी तक इसकी कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन, यदि ये फैसला सच में लिया गया है, तो बिलकुल ठीक है.
Source : Sports Desk