कुश्ती में भारत के लिए दो ओलंपिक पदक जीत चुके पहलवान सुशील कुमार की मंगलवार को रोहिणी की जिला अदालत में अग्रिम जमानत का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया, इसके बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया. बीजिंग और लंदन ओलंपिक में रजत और कांस्य पदक जीत चुके सुशील एक पूर्व अंतरराष्ट्रीय पहलवान की कथित हत्या में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे हैं. सागर धनखड़ नामक उस पहलवान की इस महीने की शुरुआत में दिल्ली के ही एक स्टेडियम में मौत हो गई थी. सुशील कुमार की ओर से दायर याचिका में अधिवक्ता कुमार वैभव ने कहा कि आवेदक के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण रूप से निराधार और बेतुके आरोप लगाए गए हैं, जिसका एकमात्र उद्देश्य आवेदक की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना है.
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आरोपों को झूठ करार देते हुए याचिका में कहा गया है कि पीसीआर कॉल के अनुसार घटना पांच मई को लगभग 1.19 बजे हुई और घटना स्थल, छतरसाल स्टेडियम और पुलिस स्टेशन पीएस मॉडल टाउन से दूरी सिर्फ एक किलोमीटर दूर है. लेकिन इस मामले में 5-6 घंटे की देरी के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई. अंतरराष्ट्रीय पहलवान सुशील काफी दिनों से फरार हैं. पहलवान सागर धनखड़ की हत्या में आरोपी बनाए जाने के बाद चार मई से ही उनका कोई अता-पता नहीं है. इसी बारे में फीडबैक और सूचना पाने के लिए दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की थी. इसी के बाद सुशील ने जमानत की अर्जी दी थी.
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अदालत ने 15 मई को सुशील कुमार के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था. पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस ने कुमार के लिए लुक आउट नोटिस जारी किया था. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (उत्तर पश्चिम दिल्ली) गुरइकबाल सिंह सिद्धू ने कहा था कि सुशील कुमार के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. सुशील कुमार, भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं और छत्रसाल स्टेडियम में विशेष ड्यूटी पर एक अधिकारी (ओएसडी) के रूप में तैनात हैं, जहां कथित तौर पर आपसी विवाद के बाद धनखड़ की मौत हो गई थी.
Source : Sports Desk