टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympic 2020) का रविवार की शाम को समापन हो गया. खेलों के इस महाकुंभ में पूरी दुनिया के खिलाड़ियों ने लगातार पदक जीतने की कोशिश की और अपना सब कुछ झोंक दिया. कुछ खिलाड़ियों को पदक मिले तो कुछ को निराशा हाथ लगी. टोक्यो ओलंपिक 2020 में ही होने थे, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से फैली महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था. इस बार भी जब ओलंपिक शुरू होने जा रहे थे तो इसे टलने का खतरा मंडरा रहा था. शुरुआत में कुछ कोरोना पॉजिटिव केस भी सामने आए, लेकिन इसके बाद भी कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच इसे कराया गया. 23 जुलाई से शुरू हुआ, खेलों का ये महाकुंभ आज समाप्त हो गया.
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने जापान की राजधानी टोक्यो में हुए 32वें ओलंपिक खेलों की रविवार को समाप्ति की घोषणा कर दी. जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी, उस वक्त 11500 प्रतिभागी और 60000 से ज्यादा स्वयंसेवी, अधिकारी, प्रशासक और मीडिया के अधिकारी एक शहर में एकत्र हुए. खेलों के महाकुंभ कहे जाने वाले ओलंपिक के समापन समारोह का आयोजन गाने, डांस और रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुआ. पहलवान बजरंग पुनिया, जिन्होंने कुती के पुरुष 65 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता, उन्होंने भारतीय झंडा थामा. सभी देशों के एथलीट टोक्यो स्टेडियम में आखिरी बार जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए.
ओलंपिक एथलीट्स और करोड़ों लोग लाइव ब्रॉडकास्ट के जरिए समापन समारोह को देखा. टोक्यो ओलंपिक के आयोजन समिति ने कहा कि यह सीन एथलीटों के लिए टोक्यो का अनुभव है, क्योंकि इन्होंने जापान में सारा समय कमरे या वेन्यू पर बिताया. प्रतिभागियों को टोक्यो का जीवन देखने का अवसर नहीं मिला. समापन समारोह के दौरान ओलंपिक झंडे को उतारा गया और इसे पेरिस प्रशासक को सौंपा गया जो अगले ओलंपिक खेलों का मेजबान है.
मैराथन रन के लिए पदक समारोह का भी ओयजन किया गया, जिसमें आईओसी अध्यक्ष बाक ने केन्या के पेरेस जेपचिरचिर और एलिउड किपचोगे को स्वर्ण पदक से नवाजा. टोक्यो में जहां आतीशबाजी हुई तो वहीं स्टेडियम के अंदर जापान के म्यूजिशियन ने पारंपरिक गाने बजाए और एथलीट्स मुख्य स्टेडियम में एकत्र हुए.
Source : News Nation Bureau