भारतीय हॉकी टीम को ओलंपिक 2020 में भले सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन भारतीय टीम की पदक जीतने की संभावना अभी खत्म नहीं हुई है. इसलिए अगर आप हॉकी टीम की हार से निराश हो गए हैं तो इसकी जरूरत नहीं है. भारतीय टीम अभी भी पदक जीतने की रेस में है. अभी तक भारत का जिस तरह का सफर रहा है. उससे पूरी संभावना है कि भारतीय टीम हॉकी में यहां तक आने के बाद अब कम से कम कॉस्य पदक जीते बिना तो वापस नहीं आएगी. भारतीय टीम अगर कॉस्य पदक भी जीत जाती है तो ये कम छोटी बात नहीं होगी. भारत ने आखिरी बार साल 1972 में कॉस्य पदक जीता था, उसके बाद उसके भी लाले पड़े हुए थे. अब कांस्य पदक के लिए भारत का यह मैच किससे होगा, इसका फैसला जर्मनी और आस्ट्रेलिया के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के बाद हो जाएगा. जो टीम हारेगी, उसका मुकाबला भारत से होगा.
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भारतीय हॉकी टीम के पास 1980 के मास्को ओलंपिक के बाद पहली बार ओलंपिक फाइनल खेलने का मौका था, लेकिन उसने बेल्जियम के हाथों सेमीफाइनल मैच 2-5 से गंवाते हुए यह मौका भी गंवा दिया. अब भारतीय टीम कांस्य जीतने का प्रयास करेगी, जो उसने अंतिम बार 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में जीता था. ओई हॉकी स्टेडियम नॉर्थ पिच पर खेले गए इस मैच में एक समय भारत 2-1 से आगे था लेकिन एलेक्सजेंडर हेंडरिक्स (19वें, 49वें, 53वें) की शानदार हैट्रिक के दम पर मौजूदा वल्र्ड चैम्पियन बेल्जियम ने भारत को एकतरफा हार को मजबूर कर दिया. जहां तक आज के मैच की बात है तो पहला गोल बेल्जियम की ओर से हुआ. यह गोल लोइक फेनी लुपर्ट ने दूसरे मिनट में हासिल पेनाल्टी कार्नर पर किया. मैच शुरु होने के साथ ही भारत पीछे हो चुका था. भारतीय टीम दबाव में थी. लेकिन इस दबाव से निकलकर सातवें मिनट में गोल कर हरमनप्रीत सिंह ने मैच में रोमांच ला लिया. हरमनप्रीत ने यह गोल पेनाल्टी कार्नर पर किया. अब स्कोर 1-1 हो चुका था. इसके बाद कप्तान मंदीप सिंह खुद मोर्चा सम्भाला और नौवें मिनट में एक बेहतरीन फील्ड गोल के जरिए भात को 2-1 से आगे कर दिया. पहले ही क्वार्टर में पिछड़ने के बाद बेल्जियम ने बराबरी के लिए हमला तेज कर दिया. इस क्रम में उसे 19वें मिनट में सफलता मिली. एलेक्सजेंडर रॉबी हेंडरिक ने पेनाल्टी कार्नर पर गोल कर स्कोर 2-2 कर दिया.
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तीसरे क्वार्टर में कोई गोल नहीं हुआ. चौथे क्वार्टर में बेल्जियम ने अचानक ही रफ्तार पकड़ी और 49वें मिनट में हासिल पेनाल्टी कार्नर पर हेंडरिक्स ने गोल कर 3-2 की लीड दिला दी. तीसरे क्वार्टर और चौथे क्वार्टर की शुरुआत तक बेल्जियम ने 7 पेनाल्टी कार्नर हासिल किए. अंतिम समय में भारत की रक्षापंक्ति में सेंध लग चुकी थी। बेल्जियम को लगातार पेनाल्टी कार्नर मिल रहे थे. इसी क्रम में उसने 53वें मिनट में पेनाल्टी स्ट्रोक हासिल किया, जिस पर गोल कर हेंडरिक्स ने अपनी टीम को 4-2 से आगे कर उसकी जीत पक्की कर दी. बेल्जियम की टीम इसके बाद भी नहीं रुकी और अंतिम मिनट में एक और गोल करते हुए 5-2 की लीड ले ली. बेल्जियम के लिए यह गोल डोमिनिक डॉहमैन ने 60वें मिनट में किया. भारत ने म्यूनिख ओलंपिक में पाकिस्तान के हाथों सेमीफाइनल मुकाबला 0-2 से गंवाने के बाद कांस्य पदक के मुकाबल में नीदरलैंडस को 2-1 से हराया था. इसके बाद भारत ने सीधे मास्को में गोल्ड जीता लेकिन बीते 31 साल से भारत की झोली खाली है. अब देखने वाली बात यह है कि इस झोली में कांस्य भी आती है या नहीं.
Source : Sports Desk