भारत की पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है. उसने कांस्य पदक के मैच में जर्मनी को 5-4 से हरा दिया है. भारत ने 41 साल बाद हॉकी में मेडल जीता है. भारतीय टीम ने Tokyo Olympics के ब्रॉन्ज़ मेडल मैच में जर्मनी को 5-4 से मात देकर सालों बाद पहला ओलंपिक्स मेडल अपने नाम कर लिया है. 1980 के बाद यह हॉकी में भारतीय टीम का पहला मेडल है. इस मैच के हीरो रहे भारतीय टीम के अटैकर्स जिन्होंने जर्मनी जैसी टीम के खिलाफ पांच गोल दागे. भारतीय टीम के लिए सिमरनप्रीत ने मैच में दो गोल किए. उनके अलावा रुपिंदर पाल सिंह, हरमनप्रीत सिंह और हार्दिक सिंह ने एक-एक गोल किया.
भारत ने अंतिम बार 1980 के मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था. कांस्य पदक की बात की जाए तो भारत ने 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में नीदरलैंड्स को हराकर यह पदक जीता था. टोक्यो में भारत का यह चौथा पदक है. भारत हॉकी के अलावा वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन और मुक्केबाजी में पदक जीत चुका है जबकि इस हार के साथ जर्मनी के हाथों 2016 के रियो ओलंपिक के बाद लगातार दूसरा कांस्य जीतने का मौका निकल गया.
बहरहाल, मैच का पहला गोल दूसरे मिनट में जर्मनी के तिमोर ओरुज ने किया. ओरुज ने एक बेहतरीन फील्ड गोल के जरिए अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया. जर्मनी ने इसी अंतर से दूसरे क्वार्टर में प्रवेश किया. सिमरनजीत सिंह ने हालांकि इस क्वार्टर की शुरुआत में ही 17वें मिनट में गोल कर स्कोर 1-1 कर दिया. यह एक फील्ड गोल था. निकलास वालेन ने हालांकि 24वें और फिर बेनेडिक्ट फुर्क ने 25वें मिनट में गोल कर जर्मनी को एक बार फिर 3-1 से आगे कर दिया.
भारत ने भी हाल नहीं मानी और 27वें और 29वें मिनट में गोल कर स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया. 27वें मिनट में हार्दिक सिंह ने पेनाल्टी कार्नर पर गोल किया जबकि 29वें मिनट में भी पेनाल्टी कार्नर पर ही गोल हुआ जो हर्मनप्रीत सिंह ने किया.
हाफटाइम तक स्कोर 3-3 था
इसके बाद तो भारत नहीं रुका और एक के बाद एक गोल कर 5-3 की लीड ले ली. रुपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में पेनाल्टी स्ट्रोक पर भारत के लिए चौथा गोल किया जबकि हर्मनप्रीत सिंह ने 34वें मिनट में अपना दूसरा और टीम के लिए पांचवां गोल किया. जर्मन टीम भी हार मानने वाली नहीं थी. उसने 48वें मिनट में अपना चौथा गोल कर मैच में रोमांच ला दिया. जर्मनी के लिए यह गोल लुकास विंडफेडर ने पेनाल्टी कार्नर पर किया. अब स्कोर 4-5 हो चुका था. अंतिम समय में जर्मन टीम ने कई हमले किए लेकिन भारतीय डिफेंस मुस्तैद था. उसने तमाम हमलों को नाकाम कर स्कोर की रक्षा की और 41 साल से चले आ रहे सूखे को समाप्त किया.
हॉकी में भारत को ब्रॉन्ज मेडल मिला है. भारत के लिए यह खुशी का बहुत बड़ा दिना है. हॉकी के लिए भारतीयों के मन में एक खास लगाव है. पूरे देश में इस जीत का जश्न मनाया जा रहा है.
HIGHLIGHTS
- भारत की पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है
- अंतिम बार 1980 के मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था
- टोक्यो में भारत का यह चौथा पदक है