टोक्यो ओलंपिक का समापन हो गया है. इस बार ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा और देश के खाते में सात मेडल जुड़ गए. भारतीय खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा. अपने ऐतिहासिक प्रदर्शन से भारत ने एक गोल्ड समेत कुल सात पदकों पर कब्जा जमाया. इन पदकों की बदोलत भारत ओलंपिक की मेडल लिस्ट में 48वें स्थान पर रहा. पदक दिलाने वाले सात खिलाड़ियों के अलावा भारत के कई खिलाड़ियों ने इस बार भी शानदार प्रदर्शन किया लेकिन पदक के करीब पहुंच कर भी जीत नहीं सके. आज हम आपको ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे, जो अपनी मंजिल के बेहद करीब जा चुके थे, लेकिन चूक गए. इन खिलाड़ियों ने ओलंपिक में लाजवाब खेल दिखाया. आज भारत को इन खिलाड़ियों पर गर्व है.
अदिति अशोक
टोक्यो ओलंपिक में भारत की बेटी अदिति अशोक महिला गोल्फ प्रतियोगिता में अपने खेल के अंत तक मेडल की दौड़ में बनी हुई थीं, लेकिन अपने दो खराब शॉट के कारण वह पदक से चूक गईं. अदिति चौथे स्थान पर रहीं. अदिति भले ही मेडल न ला पाई हों, लेकिन उनके शानदार प्रदर्शन को अनदेखा नहीं किया जा सकता. अदिति रियो ओलंपिक में वह 41वें स्थान पर रही थीं, लेकिन यह उनके शानदार प्रदर्शन का ही नतीजा है कि इस बार वह चौथे स्थान पर रहीं.
महिला हॉकी टीम
ऐसा ही कुछ भारत की महिला हॉकी टीम के साथ भी रहा. भारतीय महिला हॉकी टीम ने इस बार ओलंपिक में जादुई प्रदर्शन किया और पहली बार सेमीफाइनल में एंट्राी मारी. लेकिन कांस्य पदक के लिए बेहद कड़े मुकाबले के बाद भी टीम मेडल से चूक गई. हालांकि टीम ने प्रदर्शन शानदार किया और चौथे स्थान पर रही. यह महिला हॉकी टीम का अब तक का बेस्ट प्रदर्शन माना जा रहा है.
टोक्यो ओलंपिक में इस बार भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया. इन खिलाड़ियों के बूते भारत ने ओलंपिक में 7 पदक जीते. भारत को 1 स्वर्ण, 2 रजत और 4 कांस्य पदके मिले. ओलंपिक खेलों में यह भारत का शानदार प्रदर्शन माना जा रहा है. जैवलिन थ्रो में अपने भाले के बल पर नीरज चोपड़ा ने शनिवार को ओलंपिक में एक नया इतिहास रचा और देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाया. जबकि कुश्ती में भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने भी ब्रॉन्ज जीतकर देश का सीना चोड़ा किया.
Source : News Nation Bureau