केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के युवा मामलों एवं खेल विभाग के प्रभारी मंत्रियों के साथ बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की. बैठक का मकसद देशभर के नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की गतिविधियों के साथ-साथ जमीनी स्तर के खेल विकास के लिए रोडमैप तैयार करना था. रिजिजू ने कहा कि एनवाईकेएस और एनएसएस के 60 लाख से अधिक स्वयंसेवक फ्रंटलाइन कोविड वॉरियर्स के रूप में लगे हुए थे क्योंकि उन्होंने महामारी के दौरान जागरूकता पैदा की, मास्क बनाया और वितरित किया तथा नागरिकों की सहायता की.
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मंत्री ने कहा, ''हमने युवा मंत्रालय की योजनाओं के तहत एक करोड़ से अधिक स्वयंसेवकों को जुटाने का लक्ष्य रखा है. स्वयंसेवक न केवल कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, बल्कि नागरिकों को माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण से लाभ प्राप्त करने में मदद करेंगे." राज्यों में खेल गतिविधियों को फिर से शुरू करने की संभावना की समीक्षा करते हुए, रिजिजू ने कहा, "राज्यों को स्वतंत्र रूप से यह तय करना होगा कि वे खेल गतिविधियों और प्रशिक्षण कब शुरू कर सकते हैं.
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किरेन रिजिजू ने आगे कहा, 'हालांकि, मैं सभी राज्यों से दो-तीन महीने बाद कुछ खेल गतिविधियों को शुरू करने का अनुरोध करूंगा. हम एक सीमित तरीके से गैर-संपर्क खेलों के लिए खेल प्रतियोगिताओं को शुरू कर सकते हैं. कुछ राज्य हैं जिन्होंने अपनी खेल सुविधाओं को शुरू कर दिया है, जहां कुछ खेल प्रशिक्षण शुरू हो गए हैं. जैसे-जैसे स्थिति में सुधार होता है, हमें ऑन-फील्ड खेल को वापस लाने का प्रयास करना चाहिए.'
इसके साथ ही वीरप्पा मोइली ने कहा कि राज्यों के प्रभारी एआईसीसी महासचिव सतर्क नहीं हैं. स्थानीय पार्टी इकाइयों के आगे आने वाली समस्याओं को वे नहीं समझते हैं. वीरप्पा मोइली ने कहा राजस्थान संकट को रोका जा सकता है. महासचिव केंद्रीय नेतृत्व के ध्यान में नहीं लाते हैं.
Source : IANS