टोक्यो ओलंपिक में हॉकी (hockey)में कांस्य पदक जीतने पर पूरा देश खुशी से सराबोर है. हर तरफ से खिलाड़ियों पर इनाम की बारिश हो रही है. बड़ी-बड़ी धनराशि के अलावा खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी, मुफ्त यात्रा सुविधा और तमाम अन्य चीजें भी प्रदान की जा रही हैं. लेकिन एक ऐसा भी समय था जब भारत के हॉकी खिलाड़ियों ने इनाम लेने से मना कर दिया था. बात है वर्ष 2011 की. भारत की पुरुष हॉकी टीम (indian hockey team) ने एशियन चैंपियन ट्रॉफी में सफलता का परचम लहराया था. इसके बाद मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा था. इस दौरान हॉकी इंडिया के महासचिव नरेंद्र बिंद्रा खिलाड़ियों के 25000 रुपये इनाम की घोषणा की मगर खिलाड़ियों ने इनाम लेने से मना कर दिया.
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खिलाड़ियों का कहना था कि सफलता के हिसाब से यह पुरस्कार राशि बहुत छोटी है. सबसे पहले हॉकी टीम के कप्तान राजपाल सिंह ने पुरस्कार लेने से मना किया. बाद में सभी खिलाड़ियों ने उनका साथ दिया. टीम के प्रमुख खिलाड़ी गुरबाज सिंह ने कहा कि इतनी कम इनाम राशि से युवाओं के इस खेल के लिए न प्रोत्साहित किया जा सकता है, न ही उन्हें निखारा जा सकता है. ऐसी व्यवस्था होगी तो जो युवा हॉकी में आने की इच्छुक होंगे, वह क्रिकेट या अन्य खेलों की तरफ मुड़ जाएंगे. इस तरह हॉकी का भविष्य बेहतर नहीं हो सकता है. अन्य खिलाड़ियों ने भी इस बात का समर्थन किया था.
गौरतलब है कि एशियन चैंपियन ट्रॉफी में भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को शूट आउट में 4-2 से हराकर सफलता प्राप्त की थी. हालांकि बाद में खिलाड़ियों की शिकायतों का समाधान किया गया. शुक्र की बात है कि आज हॉकी खिलाड़ियों को इस तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता. आज हम बहुत ही आगे आ चुके हैं और टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने दिखा दिया की भारत का पुराना जलवा अब फिर से लौटने लगा है.
HIGHLIGHTS
- आज भारतीय हॉकी टीम पर हो रही है इनामों की बारिश
- एक समय था जब टीम ने इनाम की राशि लेने से किया था मना
- हॉकी फेडरेशन से ही नाराज हो गए थे खिलाड़ी
Source : News Nation Bureau