पिछले 13 संस्करणों में विश्व कप की ट्रॉफी हासिल करने में असफल रही भारतीय महिला हॉकी टीम इस साल पूरी तैयारी के साथ खिताब का लक्ष्य लेकर टूनार्मेंट में उतर रही है। अपने अभियान का आगाज भारतीय टीम आज मेजबान टीम इंग्लैंड के खिलाफ खेले जाने वाले मुकाबले से करेगी।
रानी की कप्तानी में उतरने वाली भारतीय टीम को पूरा विश्वास है कि वह इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले मैच में जीत हासिल कर लेगी। इस साल आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में महिला टीम ने इंग्लैंड को ग्रुप स्तर पर मात दी थी।
भारतीय टीम को इस टूनार्मेंट के लिए ग्रुप-बी में इंग्लैंड, आयरलैंड और अमेरिका के साथ शामिल किया गया है। सबसे अधिक सात बार इस टूनार्मेंट को जीतने वाली नीदरलैंड्स की टीम पूल-ए में शामिल है।
पिछले 13 में से सात संस्करणों में नीदरलैंड्स की टीम ने इसमें खिताबी जीत हासिल की है, वहीं अजेर्टीना, जर्मनी औैर आस्ट्रेलिया ने दो-दो बार विश्व कप की ट्रॉफी हासिल की है। भारतीय टीम को केवल एक बार 1974 में उद्घाटन संस्करण में चौथा स्थान हासिल हुआ था। इसके बाद अन्य संस्करणों में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
इंग्लैंड से भिड़ंत के लिए भारतीय टीम तैयार और आत्मविश्वास से भरपूर है। विश्व कप की शुरूआत से पहले भारतीय टीम ने लंदन की परिस्थितियों में अभ्यास मैच खेले हैं। ऐसे में वह किसी हद तक यहां की परिस्थियों से परिचित हो गए हैं।
भारतीय टीम वर्तमान में अच्छी फॉर्म में हैं। पिछले दो वर्षो में अपने अच्छे प्रदर्शन के दम पर महिला हॉकी टीम ने विश्व रैंकिंग में 10वां स्थान हासिल कर लिया है। टीम में वंदना कटारिया जैसी अनुभवी खिलाड़ी के साथ-साथ नई स्ट्राइकर भी हैं। ऐसे में उनके पास गुरजीत कौर के रूप में अच्छी ड्रेग फ्लिकर हैं, जो विश्व की बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक है।
इसके अलावा, टीम में दीपिका, लालरेमसियामी जैसी खिलाड़ियों के अलावा, अनुभवी गोलकीपर सविता सिंह भी हैं। भारतीय टीम का पहला लक्ष्य इस टूनार्मेंट में पूल स्तर की प्रतिस्पर्धा से निकलना होगा।
इंग्लैंड के बाद भारतीय टीम का सामना 26 जुलाई को वल्र्ड नम्बर-16 आयरलैंड और 29 जुलाई को वल्र्ड नम्बर-7 अमेरिका की टीमों से होगा।
टीम के मुख्य कोच शुअर्ड मरेन का मानना है कि इस टूनार्मेंट में भारतीय महिलाएं एक टीम के रूप में आगे बढ़ सकती हैं। रानी पर टीम अकेले निर्भर नहीं कर सकती है। सभी को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ना जरूरी है। भारतीय टीम भले ही पूल स्तर से आगे बढ़ जाए, लेकिन खिताब तक पहुंचने के लिए उसे नीदरलैंड्स, अर्जेंटीना और जर्मनी जैसी मजबूत टीमों की बाधाओं को पार करना होगा। यहीं उसकी असली परीक्षा होगी।
टीम :
गोलकीपर : सविता (उप-कप्तान), रजनी एतिमारपू।
डिफेंडर : दीप ग्रेस इक्का, सुनीता लाकड़ा, दीपिका, गुरजीत कौर, रीना खोखर।
मिडफील्डर : नमिता टोप्पो, लिलिमा मिंज, मोनिका, उदिता, निक्की प्रधान, नेहा गोयल।
फॉरवर्ड : रानी (कप्तान), वंदना कटारिया, लालरेमसियामी, नवनीत कौर, नवजोत कौर।
Source : IANS