ओलंपिक रजत पदक विजेता पी.वी. सिंधु और एक सप्ताह पहले ही प्रतिष्ठित अर्जुन अवार्ड के लिए चुने गए पुरुष एकल खिलाड़ी बी.साई प्रणीत ने यहां जारी बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप-2019 के सेमीफाइनल में पहुंचकर टूर्नामेंट में भारत के लिए दो पदक पक्के कर दिए. दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने शुक्रवार को खेले गए महिला एकल के क्वार्टर फाइनल में फाइनल में दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी चीनी ताइपे की ताई जू यिंग को तीन गेम तक चले संघर्षपूर्ण मुकाबले में 12-21, 23-21, 21-19 से पराजित किया. सिंधु ने इस जीत के साथ ही यिंग के खिलाफ अपना करियर रिकॉर्ड 5-10 का कर लिया है.
सिंधु ने एक घंटे 10 मिनट में यह मुकाबला जीता. इस जीत के साथ ही बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में सिंधु के नाम पांच पदक हो गए हैं. सिंधु इससे पहले टूर्नामेंट में वर्ष 2017 और 2018 में रजत तथा 2013 व 2014 में कांस्य पदक जीत चुकी हैं.
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सेमीफाइनल में सिंधु का सामना दुनिया के तीसरे नंबर की खिलाड़ी चीन की चेन यू फेई से होगा, जिनके खिलाफ सिंधु का 5-3 का शानदार रिकॉर्ड है.
सिंधु ने मैच के बाद आईएएनएस से कहा, 'पदक कर रंग बदलने में थोड़ा समय लगेगा. मुझे मैच दर मैच अच्छा प्रदर्शन करना होगा. निश्चित तौर पर मैं अपने लिए पदक जीतना चाहूंगी, लेकिन मैं इस जीत से संतुष्ट नहीं हूं और मुझे उम्मीद है कि आने वाले मुकाबलों में मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगी.'
पुरुष एकल में प्रणीत ने भी सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया और कांस्य पदक पक्का कर लिया.
प्रणीत ने इंडोनेशिया के जोनाटन क्रिस्टिली को 51 मिनट में 24-22, 21-14 से मात दी. इस जीत के साथ ही प्रणीत ने जोनाटन के खिलाफ 2-2 का रिकॉर्ड कर लिया है.
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सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही प्रणीत, बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं. विश्व चैंपियनशिप में प्रणीत का अब तक का यह पहला पदक है.
प्रणीत से पहले दिग्गज खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने विश्व चैम्पियनशिप के अंतिम-4 में जगह बनाकर पदक पक्का किया था.
पादुकोण ने 36 साल पहले 1983 में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था. अगर प्रणीत जीतकर फाइनल में पहुंचते हैं और जीतते हैं तो उन्हें स्वर्ण पदक अन्यथा रजत पदक मिलना तय हो जाएगा.
सेमीफाइनल में प्रणीत के सामने मौजूदा चैंपियन और दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी जापान के केंटो मोमोटा की चुनौती होगी, जिनके खिलाफ वर्ल्ड नंबर-19 प्रणीत का 2-3 का करियर रिकॉर्ड है.
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प्रणीत ने मैच के बाद कहा, 'मेरे लिए यह बहुत बड़ी जीत है क्योंकि प्रकाश पादुकोण सर के बाद इस टूनार्मेंट में पुरुष एकल वर्ग में कोई भी खिलाड़ी पदक नहीं जीत पाया है. अभी टूनार्मेंट में और मैच बाकी हैं, मुझे अब सेमीफाइनल खेलना है और उसके लिए पूरी तरह से तैयार होना जरूरी है.'
Source : IANS