WFI की अयोध्या में आज होने वाली मीटिंग रद्द, 4 हफ्तों के लिए टली बैठक

इस मसले पर दिल्ली में स्थित जंतर-मंतर पर पहलवान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे थे.

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Roshni Singh
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बृजभूषण सिंह( Photo Credit : File Photo)

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WFI: भारतीय पहलवानों और कुश्ती महासंघ के बीच चल रही लड़ाई में आज उम्मीद की जा रही थी कि फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने रविवार (22 जनवरी) को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कुश्ती संघ की कार्यकारिणी मीटिंग बुलाई थी, लेकिन आज अचानक मीटिंग रद्द कर दिया गया. खेल मंत्रालय ने पहलवानों के आरोपों की जांच पूरी होने तक WFI की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई है जिसके चलते अब 4 हफ्ते तक के लिए यह मीटिंग टाल दी गई है. इस तय मीटिंग में फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह उनपर लगे आरोपों पर अपना पक्ष कार्यकारिणी के सदस्यों के सामने रखने वाले थे. 

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दिल्ली में पहलवानों के धरने और उत्पीड़न के आरोपों के बाद खेल मंत्रालय ने शनिवार (21 जनवरी) को कुश्ती संघ के अलावा इसके सचिव विनोद तोमर को भी सस्पेंड कर दिया है. खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा शिकायतें विनोद तोमर (Vinod Tomar) से ही थी. पहलवानों ने बीते दिन केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मीटिंग के बाद धरना खत्म करने का निर्णय लिया था. इसके साथ ही पहलवानों के आरोपों की जांच पूरी होने तक WFI की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई थी. खेल मंत्री ने इस पूरे मामले पर एक निगरानी कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया था. ये कमेटी 4 सप्ताह में अपनी जांच पूरी करेगी और WFI और उसके अक्ष्यक्ष के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करेगी. 

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ओलंपिक संघ ने भी बनाई जांच कमेटी

इस मसले पर दिल्ली में स्थित जंतर-मंतर पर पहलवान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद खेल मंत्री ने उन्हें बुलाया और बातचीत की. उनकी मांगें सुनने के बाद जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया. हालांकि, बात नहीं बनने पर पहलवान अगले दिन भी धरने पर बैठे रहे. अब भारतीय ओलंपिक संघ ने पहलवानों के आरोपों को गंभीरता से लिया और सात सदस्यीय जांच कमेटी बनाने का फैसला लिया.

कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर लगे हैं गंभीर आरोप

बता दें कि भारत के शीर्ष महिला एवं पुरुष पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था और कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और महासंघ के अन्य पदाधिकारियों पर यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि कुश्ती महासंघ ने खेल मंत्रालय के सामने अपना पक्ष रखा है और खिलाड़ियों के दावों को गलत बताया है. इस बीच सरकार ने एक जांच कमेटी का गठन किया है, जो खिलाड़ियों के आरोपों की जांच करेगी. इसके साथ ही अभी कुश्ती महासंघ के कामकाज को सस्पेंड कर दिया गया है.

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