एक समय था जब दिल्ली में एक अखाड़े में मैट से शुरुआत हुई थी. मिट्टी पर कुश्ती लड़ने वाले भारतीय पहलवान विदेशों में मैट पर होने वाली प्रतियोगिताओं में पिछड़ा महसूस करते थे, वहीं आज भारत में सबसे ज्यादा पदक लाने वाले हरियाणा के गांव-गांव तक मैट पहुंचा हुआ है. पहले मैट पर प्रैक्टिस करने के लिए हरियाणा के पहलवान दिल्ली आया करते थे, लेकिन अब उन्हें यह सुविधा उनके घर गांव के पास में मिली हुई है. दिल्ली का छत्रसाल स्टेडियम देश को सबसे ज्यादा पदक देने वाला स्टेडियम है. यहां ओलंपिक और पैरालंपिक में अभी तक कुश्ती से 8 मेडल आ चुके हैं. अलग-अलग इंटरनेशनल लेवल के कोच ने इंस्ट्रक्टर को लेकर संतुष्टि जताई. साथ ही उन्होंने 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयारियों को माकूल बताया और यह भरोसा जताया कि आने वाले समय में भारतीय कुश्ती ओलंपिक में पदकों की बौछार करेगी. मैट पर प्रैक्टिस के दौरान अजीत मान ने बताया कि दिल्ली सरकार जल्द ही बड़े स्तर पर कुश्ती के लिए प्रैकस केंद्र बनाने जा रही है.
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इस दौरान छत्रसाल स्टेडियम के कोच जयवीर दहिया से भी बात हुई. उन्होंने बताया कि छत्रसाल स्टेडियम में उनके साथ उनका 13 साल का बेटा पहलवान रौनक भी रहता है. जो 10 साल की उम्र से प्रैक्टिस कर रहा है और अभी तक नेशनल और इंटरनेशनल मुकाबलों में मेडल जीत चुका है. सबसे खास बात है कि रौनक के पिता और कोच जयवीर दहिया से पूछा गया कि आज जब अखाड़ों में भी पहलवान डाइट की कमी के नाम पर प्रोटीन पाउडर लेने लगे हैं, इस पर आपका क्या कहना है? तो उन्होंने दावे से कहा और प्रमाण के तौर पर अपने बेटे की उपलब्धियां और फिजिक दिखाते हुए बताया कि इसको नेचुरल और शाकाहारी डाइट पर ही यह उपलब्धियां मिली है. एक पहलवान की डाइट में क्या-क्या रहता है? उन्होंने यह सारी जानकारियां दीं और पहलवान की डाइट में नारियल पानी के महत्व को विशेष बताया.
HIGHLIGHTS
- पहले मिट्टी पर कुश्ती लड़ते थे भारतीय पहलवान
- आज भारत में हरियाणा के गांव-गांव तक मैट पहुंचा
- नेचुरल और शाकाहारी डाइट, पहलवानों के लिए आवश्यक