साल 2018 में दुनिया की शीर्ष पांच टीमों में शुमार होने के बावजूद भारतीय हॉकी बड़े खिताब को तरसती रही. 5 बड़े टूर्नामेंट में खिताब की प्रबल दावेदार होने के बावजूद भारतीय हॉकी टीम किसी भी टूर्नामेंट में अपेक्षित नतीजा नहीं दे पाई. साल बदलते चले गए लेकिन हार पर कोच या खिलाड़ियों को बदलने का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा. राष्ट्रमंडल खेलों में पिछले दो बार की उपविजेता रही भारतीय हॉकी टीम इस बार खाली हाथ लौटी. वहीं एशियाई खेलों में स्वर्ण गंवाकर कांसे के तमगे से संतोष करना पड़ा. सारी उम्मीदें अब साल के आखिर में अपनी सरजमीं पर हॉकी के नए गढ़ भुवनेश्वर में हुए विश्व कप पर आन टिकी लेकिन पूल चरण में पदक की उम्मीद जगाने के बाद मेजबान टीम क्वॉर्टर फाइनल में हार गई.
चैंपियंस ट्रॉफी में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बावजूद भारत को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. महिला टीम ने जरूर बेहतर प्रदर्शन के साथ एशियाई चैंपिंयस ट्रॉफी और एशियाई खेलों में सिल्वर मेडल जीता लेकिन कोई खिताब अपने नाम नहीं कर सकी.
हॉकी विश्व कप 2018 (Hockey World Cup 2018)
विश्व कप से ठीक पहले अपने सबसे अनुभवी खिलाड़ी मिडफील्डर सरदार सिंह को टीम से बाहर करने का फैसला भी अजीब रहा जबकि फॉरवर्ड एसवी सुनील चोट के कारण पहले ही टीम में नहीं थे. सरदार को साल के पहले हाफ में अजलन शाह कप में कप्तान बनाया गया लेकिन उसमें पदक नहीं जीत पाने के बाद उन्हें टीम से बाहर करके मनप्रीत सिंह को कमान सौंपी गई. फिर चैंपियंस ट्रॉफी में सरदार की वापसी हुई लेकिन फिर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में मौका नहीं दिए जाने के बाद सरदार ने विवादास्पद हालात में हॉकी को अलविदा कह दिया.
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हॉकी चैम्पियंस ट्रॉफी (Hockey Champions Trophy 2018)
दुनिया की पांचवें नंबर की टीम बनी भारतीय पुरुष हॉकी टीम चैम्पियंस ट्रॉफी में अर्जेंटीना को हराने के अलावा शीर्ष चार में से किसी टीम को बड़े टूर्नामेंट में मात नहीं दे सकी. एक बार फिर एशियाई स्तर से ऊपर जीत दर्ज नहीं कर पाने की उसकी कमजोरी जाहिर हुई. सिर्फ कोचों की नहीं खिलाड़ियों को भी बार-बार अंदर बाहर किए जाने से टीम में स्थिरता का अभाव नजर आया.
विश्व कप चैंपियन बेल्जियम की टीम में 19 में से 12 खिलाड़ी ऐसे थे जिन्होंने 150 या अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेले लेकिन भारतीय टीम में ऐसे महज छह खिलाड़ी थे. साल का आगाज फरवरी में अजलन शाह कप से हुआ जिसमें मलयेशिया (5-1) पर मिली एकमात्र जीत और इंग्लैंड से ड्रॉ के बाद भारत पांचवें स्थान पर रहा.
राष्ट्रमंडल खेल 2018 गोल्ड कोस्ट (Hockey Gold Coast 2018 Commonwealth Games)
दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल (2010) और मेलबर्न खेलों (2014) में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम गोल्ड कोस्ट में कोई पदक नहीं जीत सकी. उसे कांस्य पदक के प्लेऑफ मुकाबले में इंग्लैंड ने हराया. जून में जर्मनी के ब्रेडा में चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने उसे शूटआउट में 3-1 से शिकस्त दी. भारत ने इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान को 4-0 , दुनिया की नंबर एक टीम अर्जेंटीना को 2-1 से हराया और तीसरी रैंकिंग वाली बेल्जियम को 1-1 से ड्रॉ पर रोका जबकि ऑस्ट्रेलिया से 2-3 से हार गया.
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एशियाई खेल 2018 (Asian Games 2018)
जकार्ता और पालेमबांग में एशियाई खेलों में भारत खिताब बरकरार रखने में नाकाम रहा और तोक्यो ओलिंपिक के लिए सीधे क्वॉलिफाइ नहीं कर सका. लीग चरण में भारत ने इंडोनेशिया को 17-0, जापान को 8-0 से, हॉन्ग कॉन्ग को 26-0 से और श्री लंका को 20-0 से हराकर पदक की उम्मीद जगाई. लेकिन उसे सेमीफाइनल में मलयेशिया ने शूटआउट में 7-6 से हराया और टीम को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा. अब ओलिंपिक का टिकट कटाने के लिए उसे क्वॉलिफाइंग दौर से गुजरना होगा.
एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी (Asian Champions Trophy)
ओमान में एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में फाइनल में बारिश के बाद भारत और पाकिस्तान को संयुक्त विजेता घोषित किया गया. महिला टीम राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक के प्लेऑफ मुकाबले में इंग्लैंड से 6-0 से हार गई. उसने हालांकि पूल चरण में इसी इंग्लैंड टीम को 2-1 से हराया था. एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम ने रजत पदक जीता.
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वहीं एशियाड में इंडोनेशिया (8-0), थाईलैंड (5-0), कजाखस्तान (21-0) और चीन (1-0) को हराने वाली भारतीय टीम फाइनल में जापान से 2-1 से हार गई. लंदन में जुलाई अगस्त में हुए विश्व कप में भारतीय टीम क्वॉर्टर फाइनल में शूटआउट में आयरलैंड से 3 . 1 से हार गई थी.
Source : News Nation Bureau