खेलों के लिहाज से भारत के लिए यह साल कई उतार-चढ़ाव लेकर आया. जहां इस साल भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा (Neeraj chopra) चोपड़ा और फर्राटा दौड़ की नई सनसनी हिमा दास (Hima Das) ने अपने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन के चलते देश का सर गर्व से ऊंचा किया तो वहीं डोपिंग के मामले में भारतीय एथलिटों का नाम आने से शर्मसार भी महसूस हुआ. साल 2016 के जूनियर वर्ल्ड कप में भारत के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj chopra) ने इस साल एशियाई खेलों और कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण जीतकर भारत की ओलिंपिक की उम्मीदों को पंख लगा दिए. छह फुट लंबे पानीपत के नीरज चोपड़ा (Neeraj chopra) ने इस साल दो बार अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा. नीरज चोपड़ा (Neeraj chopra) ने एशियाई खेलों में 88.06 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक जीता.
हिमा दास (Hima Das) विश्व स्तर पर किसी ऐथलेटिक्स स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी. उन्होंने फिनलैंड में आईएएएफ विश्व अंडर 20 ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप में शीर्ष स्थान हासिल किया. हिमा दास (Hima Das) से पहले कोई भी भारतीय महिला किसी भी स्तर पर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण नहीं जीत सकी थी. वह ट्रैक स्पर्धा में पीला तमगा जीतने वाली पहली भारतीय महिला है.
दूसरी ओर नीरज चोपड़ा (Neeraj chopra) पिछले दो साल में जगाई गई उम्मीदों पर खरे उतरे. वह डायमंड लीग सीरिज में 17 अंक लेकर चौथे स्थान पर रहे और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऐथलीटों की इस लीग में इस मुकाम तक पहुंचने वाले पहले भारतीय ऐथलीट रहे.
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भारत के पास अब नीरज चोपड़ा (Neeraj chopra) के रूप में विश्व स्तरीय ऐथलीट है और उनकी उम्र भी ज्यादा नहीं है लिहाजा वह तोक्यो ओलिंपिक 2020 में भारत के लिए पदक जीतने वाले पहले ऐथलीट बन सकते हैं.
पूर्व विश्व रिकॉर्डधारी चेक गणराज्य के यूवी होन के मार्गदर्शन में नीरज चोपड़ा (Neeraj chopra) की नजरें अब 90 मीटर का आंकड़ा छूने पर है. उन्होंने इस सत्र के आखिर में विश्व रैंकिंग में छठा स्थान हासिल किया. ज्यूरिख में डायमंड लीग फाइनल में चोपड़ा मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूक गए. ओलिंपिक चैंपियन जर्मनी के थॉमस रोलर ने उन्हें तीन सेंटीमीटर के अंतर से हराया.
असम की धींग गांव की हिमा दास (Hima Das) फिनलैंड में मिली सफलता के बाद रातोंरात स्टार बन गई. उन्होंने एशियाई खेलों में 50.79 सेकंड का रिकॉर्ड समय निकालकर रजत पदक जीता. अंतरराष्ट्रीय ऐलीट वर्ग में उसकी राह इतनी आसान नहीं होगी. वह सत्र के आखिर में एशिया में दूसरे और विश्व में 23वें स्थान पर रही.
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त्रिकूद खिलाड़ी अरपिंदर सिंह आईएएफ कॉन्टिनेंटल कप में कांस्य पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए. घरेलू ऐथलेटिक्स में जिंसन जॉनसन ने 800 मीटर में श्रीराम सिंह का 42 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़कर 45 . 65 सेकंड का समय निकाला. दुती चंद (महिलाओं की 100 मीटर), मोहम्मद अनस (पुरुषों की 400 मीटर), जॉनसन (पुरुषों की 1500 मीटर) और मुरली श्रीशंकर (पुरुषों की लंबी कूद) ने भी राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए.
भारतीय ऐथलीटों ने इस साल एशियाई खेलों में 19 पदक जीते, जिनमें 7 स्वर्ण, 10 रजत और दो कांस्य शामिल थे जो 1978 बैंकॉक खेलों के बाद भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. राष्ट्रमंडल खेल में भारत ने ऐथलेटिक्स में एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य जीता.
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सत्र के आखिर में हालांकि डोपिंग का साया भारतीय ऐथलेटिक्स पर पड़ा जब एशियाई चैंपियन रिले धाविका निर्मला शेरोन को प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया. उनके अलावा मध्यम दूरी की धाविका संजीवनी यादव, झुमा खातून, चक्का फेंक खिलाड़ी संदीप कुमारी, शॉट पुट खिलाड़ी नवीन डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए.
लंबी दूरी के धावक नवीन डागर को भी पॉजिटिव पाए जाने के बाद एशियाई खेलों से बाहर कर दिया गया. इससे पहले केटी इरफान और राकेश बाबू को राष्ट्रमंडल खेलों में ‘नो सीरिंज’ नीति का उल्लंघन करने के कारण बाहर कर दिया गया था. अनुभवी चक्का फेंक खिलाड़ी विकास गौड़ा ने 15 साल के सुनहरे करियर के बाद ऐथलेटिक्स को अलविदा कह दिया.
Source : News Nation Bureau