Year Ender 2021: जापान की राजधानी टोक्यो (Tokyo) में इस बार का ओलंपिक (Olympic) भारतीय टीम के लिए खुशी की लहर लेकर आया. कोरोना का साए में हुए इस ओलंपिक में भारतीय टीम ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. एथलेटिक्स से लेकर हॉकी (Hockey) तक कई मोर्चों पर यादगार सफलता मिली. पहली बार भारत ने ओलंपिक में 7 पदक जीते. हालांकि पूरे विश्व का प्रदर्शन देखें तो भारत अभी भी काफी पीछे है. इस बार यूनाइटेड स्टेट 39 स्वर्ण पदक लेकर पहले स्थान पर रहा जबकि चीन 38 स्वर्ण पदक से साथ दूसरे स्थान पर. जापान ने 27 स्वर्ण पदक जीतकर तीसरा स्थान पाने में सफलता पाई. ब्रिटेन 22 स्वर्ण पदक के साथ चौथे स्थान पर रहा. भारत की बात करें तो भारत क्रम में 48वें नंबर पर रहा.
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इससे पहले भारत का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड साल 2012 में 6 मेडल था. इसमें भी कोई स्वर्ण पदक नहीं था. साल 2012 में भारत ने दो रजत पदक और चार कांस्य पदक जीते थे. वहीं, इस बार भारत ने सात पदकों में एक स्वर्ण पदक, दो रजत पदक और चार कांस्य पदक जीते. स्वर्ण पदक के लिहाज से देखें तो भारत ने साल 2008 में इससे पहले अंतिम स्वर्ण पदक जीता था. साल 2008 में भारत को एक स्वर्ण और दो कांस्य पदक मिले थे.
अब इस बार के प्रदर्शन की बात करें तो ओलंपिक के दूसरे ही दिन भारत की महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने रजत पदक जीतकर भारत को इस ओलंपिक का पहला पदक दिलाया. इसके बाद लोवलीना ने मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीता. भारतीय महिला शटलर पीसी सिंधू ने कांस्य पदक जीता. पुरुषो में रवि दाहिया ने 57 किग्रा कुश्ती में रजत पदक और बजरंग पुनिया ने 65 किग्रा कुश्ती में कांस्य पदक जीता. भारतीय हॉकी टीम ने कांस्य और अंत में नीरज चोपड़ा ने जैवलीन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता.
हॉकी में लंबे समय बाद वापसी- यह ओलंपिक भारतीय हॉकी के अच्छे दिनों को वापस लाता दिखा. एक समय भारत का हॉकी में डंका बजता था. भारत का ओलंपिक में लगातार कई स्वर्ण पदक जीतने का रिकॉर्ड रहा है लेकिन साल 1989 के बाद से भारत हॉकी में कोई पदक नहीं जीत सका था. इस बार भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीतकर हॉकी में सुनहरी वापसी के संकेत दिए. यही नहीं, पहली बार भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल तक पहुंची. महिला हॉकी में इस नये युग की शुरुआत माना जा रहा है.
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एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण- नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक के अंतिम दिन जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) में स्वर्ण जीता तो करोड़ों भारतीयों की बाछें खिल गईं. भारत का ओलंपिक के इतिहास में एथलेटिक्स में यह पहला स्वर्ण पदक था. इससे पहले भारत ने एथलेटिक्स में कभी स्वर्ण पदक नहीं जीता था. वहीं व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण की बात करें तो नीरज दूसरे भारतीय हैं. इससे पहले अभिनव बिंद्रा ने 2008 में शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता था.
कोरोना का असर- यह ओलंपिक कोरोना के साए के लिए भी याद किया जाएगा. इन ओलंपिक खेलों का आयोजन साल 2020 में होना था लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टाल दिया गया. इसके बाद साल 2021 में यह आयोजन किया गया. कोरोना महामारी के कारण तमाम प्रतिबंध भी लगाए गए. पहली बार ओलंपिक में दर्शक उपस्थित नहीं थे.