किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने से पहले लंबा संघर्ष करना पड़ता है और मंजिल पर पहुंचने से पहले हर किसी को कई छोटे बड़े काम करने पड़ते हैं. क्रिकेट की दुनिया दौलत और शोहरत से भरपूर मानी जाती है लेकिन इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है. क्रिकेट को सपोर्ट करने के लिए दूसरे काम करने पड़ते हैं. इस लेख में हम आपको एक ऐसे क्रिकेटर के बारे में बता रहे हैं जिसका नाम आज के दौर में बेशक बड़े क्रिकेटरों में शुमार है लेकिन एक समय था जब वह ग्रांउड स्टाफ हुआ करता था और उसे घास काटना पड़ता था.
घास काटने का काम करता था दिग्गज
ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम का जिक्र करें तो नाथन लियोन के बिना प्लेइंग XI पूरी होती नहीं दिखती है लेकिन मौजूदा समय का ये सबसे बेहतरीन स्पिनर अपने शुरुआती दिनों में घास काटने का काम करता था. लियोन अपने शुरुआती दिनों में एडिलेड क्रिकेट ग्राउंड स्टाफ का हिस्सा थे और घास काटने का काम करते थे. साथ ही गेंदबाजी भी करते थे. एक दिन एक स्थानिय कोच ने उन्हें ऑफ स्पिन गेंदबाजी करते देखा और लियोन की क्षमता को पहचानते हुए क्रिकेट में करियर बनाने की सलाह दी. इसके बाद जो हुआ वो ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है.
करियर पर नजर
36 साल के नाथन लियोन ने 2011 में 23 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू किया था. वे तीनों फॉर्मेट खेल चुके हैं लेकिन सबसे ज्यादा सफलता उन्हें टेस्ट में मिली है. वे 129 टेस्ट में 530 विकेट ले चुके हैं. इस दौरान एक पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा वे 24 बार कर चुके हैं. 50 रन देकर 8 विकेट उनका श्रेष्ठ प्रदर्शन है. 29 वनडे में 29 और 2 टी 20 में 1 विकेट उन्होंने लिए है. एक ग्राउंड स्टाफ से दुनिया के श्रेष्ठ ऑफ स्पिनर बनने की लियोन की कहानी साहस, धैर्य और मेहनत से मिलने वाली सफलता का बड़ा उदाहरण है. लियोन ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल ऑफ स्पिनर हैं.
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