National Sports Day 2024: 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद की जयंती है. मेजर ध्यानचंद को उनके हॉकी में अहम योगदान और खेल के प्रति समर्पण के लिए याद किया जाता है. उन्होंने ओलंपिक खेलों में भारत को हॉकी में कई गोल्ड मेडल दिलाया है.
मेजर ध्यानचंद कौन थे?
मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त, 1905 को प्रयागराज में हुआ था. उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता था. उन्होंने भारत को 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाया था. ध्यानचंद सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में गिने जाते थे. 1932 में भारत ने 37 मैच में 338 गोल किए, जिसमें 133 गोल अकेले ध्यानचंद ने किए थे. 1928 में एम्सटर्डम में खेले गए ओलंपिक खेलों में ध्यानचंद ने भारत की ओर से सबसे ज्यादा 14 गोल किए थे.
खेलने का कोई शौक नहीं फिर भी बन गए जादूगर
बता दें कि मेजर ध्यानचंद को बचपन में खेलने का कोई रुची नहीं थी. साधारण शिक्षा प्राप्त करने के बाद 16 वर्ष की उम्र में ध्यानचंद 1922 में दिल्ली में प्रथम ब्राह्मण रेजीमेंट में सेना में एक साधारण सिपाही के रूप में भर्ती हुए. सेना में जब भर्ती हुए उस समय तक उनके मन में हॉकी के प्रति कोई विशेष दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन उसी रेजीमेंट के एक सूबेदार मेजर तिवारी ने ध्यानचंद को हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया. मेजर तिवारी एक हॉकी खिलाड़ी थे. उनकी देख-रेख में फिर ध्यानचंद हॉकी खेलने लगे और देखते ही देखते वह हॉकी के जादूगर बन गए.
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार
इस दिन खेलों के महत्व को बढ़ावा दिया जाता है और लोगों को खेलों में रुची लेने के लिए प्रेरित किया जाता है. राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर राष्ट्रपति भवन में एक विशेष समारोह आयोजित किया जाता है. इस दौरान खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार दिए जाते हैं. ये पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक हैं. इन पुरस्कारों को खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले खिलाड़ियों और कोचों को दिया जाता है.
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