Wrestling: पेरिस ओलंपिक 2024 के 15 वें दिन भारत को कुश्ती में एक और पदक की उम्मीद थी. भारत की तरफ से 76 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में रीतिका हुड्डा भाग ले रही थी. रीतिका ने राउंड 16 में हंगरी की पहलवान बर्नाडेट नागी को 12- 2 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी. क्वार्टर फाइनल में रीतिका का मुकाबला कजाकिस्तान की एपेरी काइजी के साथ था.
विश्व चैंपियन से हारी रीतिका
क्वार्टर फाइनल में विश्व चैंपियन एपेरी काइजी के खिलाफ रीतिका हुड्डा को हार का सामना करना पड़ा. इन दोनों पहलवानों के बीच जोरदार मुकाबला हुआ और अंत तक मैच 1-1 की बराबरी पर रहा. परिणाम कजाकिस्तान की पहलवान के पक्ष में रहा. अब आप सोच रहे होंगे कि जब अंक बराबर थे तो फिर भारतीय पहलवान को हार क्यों मिली. इसके पीछे रेसिलंग का नियम समझना होगा.
क्या कहता है नियम?
रीतिका हुड्डा और एपेरी काइजी के बीच मैच कांटे का रहा और दोनों पहलवान किसी को भी मौका देने को तैयार नहीं थी. दोनों ने पैसिविटी के जरिए 1-1 अंक हासिल किए. फ्रीस्टाइल कुश्ती में पैसिविटी का प्रयोग खेल को रोचक बनाने के लिए किया जाता है. इसका प्रयोग तब होता है जब किसी भी पहलवान में मैच के पहले 2 मिनट में अंक हासिल न किया हो.
जो रेसलर कम आक्रामक होता है उसे 30 सेकंड के अंदर अंक लेना होता है अगर वे अंक नहीं ले पाता तो फिर 1 अंक विपक्षी टीम को मिल जाता है. पहले हाफ में इसी नियम के तहत रीतिका को 1 अंक मिला था जबकि दूसरे हाफ में एपेरी को. कुश्ती के नियम के मुताबिक जो पहलवान पैसेविटी के जरिए अंत में अंक लेता है उसे ही जीत मिलती है. यही वजह है कि 1-1 की बराबरी के बाद भी रीतिका को हार का सामना करना पड़ा.
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