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Paris olympics 2024: गांव वालों और संबंधियों की मदद से ओलंपिक पहुंचा ये एथलीट, देश के लिए मेडल की एकमात्र उम्मीद

Paris olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 धीरे धीरे अपने आखिरी पड़ाव की तरफ बढ़ रहा है. लेकिन जैसे जैसे खेलों का ये महाकुंभ अपनी समाप्ती की तरफ बढ़ रहा है वैसे वैसे इसका रोमांच भी बढ़ रहा है. साथ ही ऐसी कहानियां सामने आ रही हैं जो एथलीट्स के संघर्ष को बयां कर रही हैं.

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Pankaj Kumar
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Pakistan's javelin thrower Arshad Nadeem reached in Olympics with the help of villagers and relatives

Paris olympics 2024: गांव वालों और संबंधियों की मदद से ओलंपिक पहुंचा ये एथलीट (Image- Social Media)

Paris olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 धीरे धीरे अपने आखिरी पड़ाव की तरफ बढ़ रहा है. लेकिन जैसे जैसे खेलों का ये महाकुंभ अपनी समाप्ती की तरफ बढ़ रहा है वैसे वैसे इसका रोमांच भी बढ़ रहा है. साथ ही ऐसी कहानियां सामने आ रही हैं जो एथलीट्स के संघर्ष को बयां कर रही हैं. ऐसी ही एक कहानी सामने उस एथलीट की आई है जो पेरिस ओलंपिक 2024 में अपने देश के लिए मेडल की एकमात्र उम्मीद है. 

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सरकार से कोई सहायता नहीं

पाकिस्तान के जैवलिन थ्रोअर और देश के लिए ओलंपिक में मेडल की एकमात्र उम्मीद अरशद नदीम के बारे में ये तो सभी को टोक्यो ओलंपिक में ही पता चल गया था कि ओलंपिक तक के उनके सफर में वहां की सरकार का कोई बड़ा योगदान नहीं रहा है. लेकिन अब जो कहानी सामने आई है वो अरशद के संघर्ष और खेल के प्रति उनके जुनून को दिखाता है. पाकिस्तान क्रिकेट को प्राथमिकता देने वाला देश है और इस खेल को छोड़कर वहा किसी और खेल को सरकार या वहां का व्यापार जगत कोई सहायता नहीं देता लेकिन ये उदासीनता भी अरशद को उनके लक्ष्य से नही डीगा सकी.  

मुश्किल था ओलंपिक का सफर 

अरशद के पिता ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि,  'लोगों को नहीं पता कि अरशद आज इस मुकाम पर कैसे पहुंचे। कैसे उनके साथी ग्रामीण और रिश्तेदार पैसे दान करते थे ताकि वे अपने शुरुआती दिनों में अपने प्रशिक्षण और कार्यक्रमों के लिए दूसरे शहरों की यात्रा कर सकें. आज उसी मदद की वजह से नदीम अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सफल रहे हैं और देश के लिए मेडल की उम्मीद बने हैं. अपने सफर में उसने इंजरी को भी झेला और बिना किसी सरकारी मदद के लिए वो देश के लिए खड़ा है.'  

नदीम के लगातार दूसरे ओलंपिक के लिए फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के तुरंत बाद उनके घर पर जश्न मनाया गया, जहां उनके माता-पिता, भाई, पत्नी और दो बच्चों और साथी ग्रामीणों ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए. उनके माता-पिता ने मिठाई भी बांटी. उनके पिता का कहना है कि,'काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, 'अगर मेरा बेटा पाकिस्तान के लिए ओलंपिक पदक जीतता है तो यह हमारे और इस गांव के सभी लोगों के लिए सबसे गर्व का क्षण होगा.' 

पेरिस ओलंपिक के फाइनल के लिए क्वालिफाई

क्रिकेटरों के अलावा वे एकमात्र ऐसे खिलाड़ी के रुप में उभरे हैं जिनके लिए पाकिस्तान की आवाम टीम देखती है. ओलंपिक 2024 के लिए पाकिस्तान ने 7 एथलीट भेजे थे जिसमें सिर्फ अरशद ही अपने इवेंट के फाइनल में जगह बना सके हैं. पाकिस्तान को अरशद नदीम से मेडल की उम्मीद है. बता दें कि अरशद ने 2022 में बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भी स्वर्ण पदक और पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था. बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में अरशद ने 90.18 मीटर की दूर जैवलिन फेंकी थी. ओलंपिक 2024 के फाइनल में नदीम का मुकाबला भारत के नीरज चोपड़ा से होगा.

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Paris Olympics 2024 Arshad Nadeem
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