Vinesh Phogat: पेरिस ओलंपिक 2024 में पहलवान विनेश फोगाट का प्रदर्शन शानदार रहा था. विनेश ने 50 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग में भाग लिया था और लगातार 3 मैच जीतते हुए फाइनल में जगह बनाई थी. वे रेसलिंग के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला थी. देश को उम्मीद थी कि वे गोल्ड मेडल जीतेंगी यही उम्मीद उन्हें भी होगी. लेकिन फाइनल मैच से पहले 100 ग्राम अधिक वजन होने की वजह से विश्व रेसलिंग फेडरेशन ने उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया.
ये विनेश के लिए और देश के लिए बड़ा झटका था. उन्होंने सीएएस में इस फैसले के खिलाफ अपील भी की थी लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. पेरिस ओलंपिक समाप्त हो चुका है और भारतीय एथलीट देश लौट चुके हैं. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी एथलीट को पीएम मोदी ने अपने सरकारी आवास पर बुलाकर मुलाकात की थी और सभी का उत्साह बढ़ाया था.
पीएम मोदी ने की तारीफ
पीएम मोदी और एथलीट के बीच हुई बैठक में विनेश फोगाट उपस्थित नहीं थीं. वे अभी पेरिस से वापस नहीं लौटी हैं. लेकिन उनकी अनुपस्थिति में पीएम ने उनकी तारीफ की. पीएम ने कहा, विनेश ने पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास रचा. वे कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला थी. ये हमारे लिए गर्व का विषय है. हालांकि उनको डिस्क्वालिफाई कर दिया गया. लेकिन उनकी उपलब्धि ऐतिहासिक रही है. पीएम ने ओलंपिक से लौटे एथलीट के लिए लंच का आयोजन किया था.
रेसलिंग संघ के अध्यक्ष का बयान
पीएम मोदी ने जहां विनेश फोगाट की तारीफ की वहीं भारतीय रेसलिंग संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने विनेश के विरोध में बयान दिया है. स्पोर्ट्सकीड़ा को दिए इंटरव्यू में संजय सिंह ने पहलवान अमन सहरावत की प्रशंसा के साथ ही कहा कि वे पेरिस ओलंपिक में पहलावानों के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं. भारत को कम से कम 4 मेडल पहलवानी में कम मिले हैं. इसके लिए पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ चला आंदोलन जिम्मेवार था. आंदोलन ने पहलवानों की तैयारी बाधित की जिसका परिणाम ओलंपिक में निराशाजनक परिणाम के रुप में देखने को मिला. संजय सिंह ने विनेश के बारे में कहा कि फाइनल से डिस्क्वालिफाई होने की जिम्मेदार वे खुद हैं. वजन मेंटेन करना खिलाड़ी की जिम्मेदारी होती है. हमने वो सारी सुविधा उन्हें दी जिसकी मांग उन्होंने की थी.
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