PR Sreejesh Retirement: भारतीय हॉकी टीम का पेरिस ओलंपिक 2024 में शानदार प्रदर्शन रहा है. भारतीय टीम सिर्फ एक मैच गंवाते हुए सेमीफाइनल में पहुंची थी लेकिन सेमीफाइनल में जर्मनी से 3-2 से हारकर फाइनल की रेस से बाहर हो गई. फाइनल की रेस से बाहर होने कारण टीम इंडिया 44 साल बाद एक बार फिर हॉकी में स्वर्ण पदक जीतने से चूक गई लेकिन भारतीय टीम के पास मेडल जीतने का मौका अब भी है. अब भी हॉकी टीम मेडल जीत न सिर्फ एक मेडल अपने कैबिनेट में जोड़ सकती है बल्कि अरबों देशवासियों के चेहरे पर खुशी ला सकती है साथ ही अपने सबसे अनुभवी खिलाड़ी पी आर श्रीजेशष के आखिरी मैच को यादगार बना सकती है.
इस टीम से मुकाबला
भारतीय टीम का ब्रांज मेडल के लिए ओलंपिक में स्पेन से मुकाबला है. स्पेन को सेमीफाइनल में नीदरलैंड से हार का सामना करना पड़ा था. भारतीय टीम ने जिस तरह का खेल दिखाया है उसे देखते हुए उम्मीद लगाई जा रही है कि टोक्यो ओलंपिक की तरह इस बार भी ब्रांज मेडल अपने नाम करेगी. 2013 के बाद भारत और स्पेन के बीच 16 मैच खेले गए हैं. 6 मैच भारतीय टीम जबकि 5 स्पेन जीती है. 5 मैट टाई रहे हैं.
आखिरी मैच को यादगार बनाना चाहेंगे श्रीजेश
भारतीय टीम के अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश का स्पेन के खिलाफ खेला जाने वाला मुकाबला आखिरी मुकाबला होगा. श्रीजेश ने ओलंपिक की शुरुआत में ही इसकी घोषणा कर दी थी. भारतीय टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में श्रीजेश का बड़ा अहम रोल रहा है. उनकी गोलकीपिंग ने भारतीय टीम को कई अहम मैचो में जीत दिलाई है. 2006 से अंतराष्ट्रीय हॉकी खेल रहे श्रीजेश अबतक 328 मैच खेल चुके हैं. स्पेन के खिलाफ मैच उनके करियर का 329 वां मैच होगा. अपनी गोलकीपिंग की बदौलत भारत को अनके मैच जीताने वाले श्रीजेश से उनके आखिरी मैच में देश यादगार प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा है.
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