लक्ष्य सेन की आलोचना प्रकाश पादुकोण पर पड़ी भारी, गोल्ड मेडल विजेता ने साधा निशाना

अच्छे प्रदर्शन के बावजूद मेडल न जीत पाने की वजह से लक्ष्य सेन को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. पूर्व दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने भी लक्ष्य की आलोचना की है. 

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Pankaj Kumar
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Prakash Padukone targeted by Abhinav Bindra for criticizing Lakshya Sen

लक्ष्य सेन की आलोचना प्रकाश पादुकोण पर पड़ी भारी (Image- Social Media)

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ओलंपिक 2024 में 5 अगस्त को बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन का ब्रांज मेडल के लिए मुकाबला मलेशिया के ली जी जिया के साथ था. शुरुआती दौर में बढ़त बनाने के बावजूद लक्ष्य ये मैच 13-21, 21-16 और 21-11 से हार गए.  अच्छे प्रदर्शन के बावजूद मेडल न जीत पाने की वजह से लक्ष्य सेन को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. पूर्व दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने भी लक्ष्य की आलोचना की है. 

प्रकाश पादुकोण ने की आलोचना 

ओलंपिक में ब्रांज जीतने का मौका गंवाने के बाद लक्ष्य सेन को दिग्गज खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण की आलोचना का सामना करना पड़ा था. पादुकोण ने कहा था कि, 'हम बैडमिंटन में 3 पदक जीतने के हकदार थे लेकिन एक भी नहीं जीत पाए इससे मैं निराश हूं. लक्ष्य सेन का प्रदर्शन ओलंपिक में अच्छा रहा लेकिन वे पदक नहीं जीत सके. मेडल मैच में वे शुरुआती दौर में आगे रहने के बावजूद हारे. ये स्वीकार्य नहीं है. समय आ गया है कि एथलीट जिम्मेदारी लें और देश के लिए मेडल ले आएं. यह वह समय है जब एथलीट को सरकार, संघ की तरफ से पूरा सहयोग मिल रहा है. मुझे नहीं लगता कि जो सहयोग मौजूदा समय में खिलाड़ियों को मिल रहा है वो कभी नहीं मिला है. इसलिए अब खिलाड़ियों को जिम्मेदारी उठानी होगी.' 

अभिनव बिंद्रा ने लक्ष्य का किया समर्थन 

अभिनव बिंद्रा ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए न सिर्फ लक्ष्य सेन का बल्कि ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहे सभी एथलीट के समर्थन में अपना संदेश दिया है. उन्होंने कहा, 'ओलंपिक में भाग लेना एक असाधारण चुनौती है. यह हर एथलीट के समर्पण और बलिदान का प्रमाण है. मुझे पेरिस ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाले पाँच भारतीय एथलीटों पर बहुत गर्व है. यह उनके लिए मुश्किल समय है, लेकिन पदक के इतने करीब पहुँचना उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है. न केवल एथलीटों बल्कि कोचों, उनके परिवारों और सहयोगी कर्मचारियों की कड़ी मेहनत को पहचानना भी महत्वपूर्ण है.'

बिंद्रा ने आगे कहा कि,  'हमें हमेशा अपने एथलीटों के साथ खड़े रहना चाहिए और उनके द्वारा दिखाए गए संघर्ष और लचीलेपन की सराहना करनी चाहिए. यह एक ऐसा खेल है, जिसे हर कोई नहीं जीत सकता, लेकिन अपनी अथक मेहनत से उन्होंने खुद को साबित कर दिया है. हमेशा पुनर्मूल्यांकन करने का समय होगा, लेकिन वह समय अभी नहीं है. अब इन एथलीटों का जश्न मनाने का समय है जो 1.4 बिलियन भारतीयों की उम्मीदों और सपनों का प्रतिनिधित्व करते हैं.'

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