कबड्डी के मैट पर 15 साल तक ताल ठोकने वाले पूर्व भारतीय कप्तान अनूप कुमार ने अपने करियर में वह सब कुछ हासिल किया जो एक बतौर कप्तान और खिलाड़ी करते हैं. लेकिन इन सबके बावजूद ऐसी भी चीज है जिसका हिस्सा न बन पाने का अनूप को हमेशा मलाल रहेगा. 36 वर्षीय अनूप ने बुधवार को ही कबड्डी से संन्यास लेने की घोषणा की. वर्ष 2006 में दक्षिण एशियाई खेलों में पदार्पण करने वाले अनूप 2010 और 2014 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे.
कैप्टन कूल के नाम से मशहूर अनूप इस समय प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के छठे सीजन में अभिषेक बच्चन की मालिकाना हक वाली टीम जयपुर पिंक पैंथर्स की कप्तानी कर रहे हैं. अनूप की कप्तानी में 2016 में भारतीय टीम ने ईरान को हराकर कबड्डी विश्व कप जीता था. उसी साल भारत ने दक्षिण एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था. उन्हें 2012 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
अनूप ने संन्यास के बाद एक खास साक्षात्कार में कहा, "मैट पर उतरने के बाद मैंने वह सब हासिल किया जो एक खिलाड़ी और कप्तान करना चाहते हैं, लेकिन मुझे हमेशा इस चीज की सबसे ज्यादा कमी खलेगी कि मेरे खेलने के समय तक हमारी कबड्डी ओलम्पिक में शामिल नहीं हो पाई और मैं उस टीम में नहीं खेल पाया."
उन्होंने कहा, "कबड्डी में जो कुछ हासिल करना चाहिए, मैंने वह सब किया. भारतीय टीम का कप्तान रहा, देश के लिए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता, विश्व कप में अपनी टीम को चैम्पियन बनाया और अर्जुन पुरस्कार हासिल किया, लेकिन ओलम्पिक में न खेल पाने का मलाल हमेशा रहेगा."
Source : IANS