Virat Kohli Fake Fielding Controversy: एडिलेड के ओवल में बुधवार को भारत और बांग्लादेश के बीच रोमांचक मुकाबला खेला गया. इस मुकाबले में टीम इंडिया ने बारिश के कारण डकवर्थ लुईस नियम के तहत बांग्लादेश को 5 रन से हराया. लेकिन इस इस हार से बांग्लादेश की टीम तिलमिलाई हुई है. बांग्लादेश के विकेटकीपर बल्लेबाज नुरूल हसन सोहान ने विराट कोहली पर बड़ा आरोप लगाया है. दरअसल, नुरूल हसन ने विराट कोहली पर फेक फील्डिंग का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि विराट कोहली ने नकली फील्डिंग की और अंपायर ने उन पर ध्यान नहीं दिया है. अगर अंपायर का ध्यान विराट कोहली पर जाता तो पेनल्टी के तौर पर बांग्लादेश को 5 रन मिलता और इस रन से टीम जीत सकती थी या फिर सुपर ओवर हो जाता.
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कोहली ने की थी फेक फील्डिंग?
बांग्लादेश का 7वां ओवर चल रहा था. अक्षर पटेल बॉलिंग करा रहे थे. लिटन दास ने बैकवर्ड पॉइंट के दिशा में शॉट खेला. जिसे अर्शदीप सिंह ने फील्डिंग की और विकेटकीपर की ओर थ्रो फेंका. लेकिन इसी बीच विराट कोहली ने नॉन स्ट्राइकर एंड पर फेक थ्रो किया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
so, even if this did happen, none of the batsmen from bangladesh appealed for this fake fielding 🤺#FakeFielding #NoBall #ViratKohli𓃵 #INDvsBAN #T20WorldCup #Cheating #SuryakumarYadav #KLRahul𓃵 #RohitSharma𓃵 #TeamIndia pic.twitter.com/Zl1qGNIto3
— mayank ranjan (@theranjanmayank) November 3, 2022
क्या कहता है आईसीसी के नियम?
आईसीसी के कानून 41.5 के तरह अगर बल्लेबाज को धोखा देना, उसके बीच में बाधा डालना या जानबूझकर उसका ध्यान भटकाया जाता है तो इस गेंद को नो बॉल करार दिया जाता है. इसके साथ ही बल्लेबाज को 5 रन पेनल्टी के तौर पर दिया जाता है.
फेक फील्डिंग को हर्षा भोगले ने समझाया
मशहूर कमेंटेटर हर्षा भोगले ने ट्वीट कर इस मामले को समझाने की कोशिश की है. उन्होंने लिखा, 'फेक फील्डिंग वाले विवाद की बात करें तो सच यह है कि ये किसी ने नहीं देखा. ना अंपायर्स ने, ना बल्लेबाजों ने और ना ही हमने. आईसीसी के 41.5 नियम ऐसे मामलों में पांच रनों की पेनाल्टी लगाने का जिक्र करता है (इसमें भी अंपायर्स पर चीज़ें निर्भर करती हैं) लेकिन जब किसी ने नहीं देखा तो आप क्या करेंगे. मुझे नहीं लगता कि कोई भी इस तरह की शिकायत करेगा कि ग्राउंड काफी गीला था. शाकिब ने सही बताया था कि ऐसे मामलों में चीज़ें बल्लेबाजी कर रही टीम के पक्ष में जाती हैं. अंपायर्स, क्यूरेटर्स का काम मैच को चालू रखना था जबतक कि हालात बिल्कुल बदतर नहीं हो जाते हैं. उन्होंने अपने काम को बखूबी निभाया और कम से कम समय नष्ट होने दिया. तो बांग्लादेश के मेरे दोस्तों, फेक फील्डिंग या गीले मैदान को लक्ष्य तक ना पहुंचने का बहाना ना बनाएं. अगर एक बल्लेबाज भी आखिर तक टिकता तो बांग्लादेश मैच जीत सकता था. हम सब इसके दोषी हैं, जब हम बहाना ढूंढते हैं बड़े नहीं होते हैं.'
Source : Sports Desk