T20 World Cup: हरभजन ने धोनी की कप्तानी पर कही बड़ी बात, जानिए विश्व विजेता बनने की पूरी कहानी

साल 2007 में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की कमान एमएस धोनी की हाथों में थी. टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी हरभजन सिंह और दिनेश कार्तिक ने एमएस धोनी को लेकर बड़ा खुलासा किया है.

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Satyam Dubey
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Harbhajan Singh MS Dhoni

Harbhajan Singh MS Dhoni ( Photo Credit : File Photo)

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टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप की तैयारियों में पूरी तरह से जुट गई है. इस साल टी20 वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया की सरजमी पर खेला जाएगा. जिसकी तैयारियों में सभी टीमें जुट गईं हैं. टीम इंडिया के लिए आज का दिन काफी खास है, क्योंकि टीम इंडिया आज के ही दिन साल 2007 में पहला टी20 वर्ल्ड कप जीतने में सफल हुई है. साल 2007 में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की कमान एमएस धोनी की हाथों में थी. टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी हरभजन सिंह और दिनेश कार्तिक ने एमएस धोनी को लेकर बड़ा खुलासा किया है. आइए जानते हैं कि दोनों खिलाड़ियों ने एमएस धोनी को लेकर क्या खुलासा किया है. 

भारतीय टीम के टर्बनेटर हरभजन सिंह ने खुलासा करते हुए कहा कि हमें यह महसूस नहीं हुआ कि एमएस धोनी ट्रॉफी उठाने तक हमारे कप्तान थे. ऐसा इसलिए था क्योंकि मैच के दौरान हर एक पड़ाव पर हर कोई अपने सुझाव दे रहा था. वह इसके लिए बहुत खुले थे और महसूस कराया कि हमें जो सबसे अच्छा लगा वही वेस्ट है. जबकि टीम इंडिया में इस वक्त बेहतरी फिनिशर की भूमिका निभा रहे दिनेश कार्तिक ने कहा कि धोनी उस समय कप्तान बनने की राह पर थे. इससे पहले वह 2007 के एकदिवसीय विश्व कप और इंग्लैंड और कई अन्य स्थानों के खिलाफ श्रृंखला के दौरान उप कप्तान थे. पहले दिन से ही उनके काम करने के अपने तरीके थे. वास्तव में उनके एक कप्तान और एक खिलाड़ी के रूप में कुछ अंतर नहीं था. 

आपको बता दें कि टीम इंडिया पहले ही टी20 विश्व कप में चैंपियन बनी थी. आज टीम इंडिया के साल 2007 में टी20 वर्ल्ड कप चैंपियन बनने की 15वीं वर्षगांठ पर भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम 'क्लास ऑफ 2007: द रीयूनियन ऑफ '07 चैंपियंस' में ये बातें कहीं हैं. साल 2007 में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को 5 रन से हराकर पहली बार टी20 विश्व विजेता बनी थी. आइए एक नजर डालते हैं उस मुकाबले में खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर. 

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2007 को 24 सितंबर सोमवार के दिन जोहान्सबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में खेला गया था. टीम इंडिया के कप्तान एमएस धोनी ने टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया था. पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने 5 विकेट खोकर 157 रनों का स्कोर खड़ा किया. भारतीय टीम से सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने सबसे ज्यादा रन बनाए थे. गौतम गंभीर ने 54 गेंदों का सामना करते हुए 75 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी. इस दौरान उनके बल्ले से 8 चौके और 2 छक्के निकले थे. 

टीम इंडिया के दूसरे सलामी बल्लेबाज युसुफ पठान ने 15 रन बनाए थे. नंबर चार पर बल्लेबाजी करने आए युवराज सिंह ने 14 रन बनाए थे. नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने आए रोहित शर्मा ने 16 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 30 रनों की पारी खेली थी. इस दौरान रोहित शर्मा के बल्ले से 2 चौके और एक छक्का निकला था. टीम इंडिया ने 20 ओवर में पांच विकेट खोकर 157 रनों का स्कोर खड़ा किया. 

पाकिस्तान की गेंदबाजी की बात करें तो उमर गुल ने बेहतरीन गेंदबाजी थी. उमर गुल ने 4 ओवर की गेंदबाजी की थी 28 रन खर्च कर तीन विकेट अपने नाम किया था. इसके अलावा मोहम्मद आसिफ और सोहेल तनवीर ने एक-एक विकेट अपने नाम करने में सफलता हासिल की. इन खिलाड़ियों के अलावा किसी भी पाकिस्तानी गेंदबाज को विकेट नहीं मिला था. 

लक्ष्य का पीछा करने आई पाकिस्तान की टीम 152 रनों पर ही ढेर हो गई थी. पाकिस्तान की टीम से मिस्बह-उल-हक ने सबसे ज्यादा 43 रनों की पारी खेली थी. मिस्बाह के बल्ले से 4 छक्के निकले थे. विकेट के पीछे से कप्तान एमएस धोनी ने मिस्बाह को आउट करने के लिए जाल बुना. मिस्बाह एमएस धोनी की जाल में फंस गए. जिसकी वजह से पाकिस्तान की टीम को 5 रन से हार का सामना करना पड़ा था. पाकिस्तान के लिए ये सिर्फ हार नहीं थी, बल्कि विश्व विजेता बनने का सपना टूट गया था. 

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टीम इंडिया की जीत में जितनी भूमिका बल्लेबाजी की थी. उतनी ही भूमिका गेंदबाजी की भी थी. टीम इंडिया के दो गेंदबाजों ने पाकिस्तान की बल्लेबाजी की रीढ़ तोड़ दी थी. ये दोनों गेंदबाज कोई और नहीं बल्कि आरपी सिंह और इरफान पठान थे. आरपी सिंह ने गेंदबाजी की शुरुआत की. आरपी सिंह ने 4 ओवर की गेंदबाजी की 26 रन खर्च कर तीन विकेट अपने नाम करने में सफलता हासिल की थी. जबकि इरफान पठान ने भी 4 ओवर की गेंदबाजी की थी, सिर्फ 16 रन खर्च कर तीन विकेट लेकर पाकिस्तान की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी थी. 

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इन दोंनों खिलाड़ियों के अलावा जोगिंदर शर्मा और श्रीसंथ ने भी इसफान पठान और आरपी सिंह का साथ दिया था. जोगिंदर शर्मा ने 3.3 ओवर की गेंदबाजी की थी. 20 रन खर्च कर दो विकेट महत्वपूर्ण विकेट लेने में सफलता हासिल की थी. जबकि श्रीसंथ ने 4 ओवर की गेंदबाजी करते हुए 44 रन खर्च कर एक विकेट झटका था. इस तरह से टीम इंडिया एमएस धोनी की कप्तानी में मुकाबला जीतकर पहले टी20 वर्ल्ड कप में चैंपियन बनी थी. 

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