MS Dhoni: एमएस धोनी ने अपना कप्तानी में भारतीय क्रिकेट को एक बड़े मुकाम पर पहुंचाने का काम किया है. वह भारत के सबसे सफल कप्तान में से एक रहे हैं. धोनी टीम इंडिया को अपनी कप्तानी में 3 आईसीसी ट्रॉफी दिलाने वाले पहले भारतीय कप्तान भी हैं. हालांकि टीम इंडिया के लिए धोनी की शुरुआत कुछ खास नहीं रही थी. इसके अलावा ड्रेसिंग रूम में भी उनकी खूब खिंचाई होती थी. खास तौर से टीम इंडिया के धाकड़ ऑलराउंडर युवराज सिंह धोनी का खूब मजाक उड़ाते थे. युवराज अक्सर धोनी को बिहारी-बिहारी कह कर छेड़ा करते थे.
बता दें कि एमएस धोनी की जब टीम इंडिया में एंट्री तब युवराज सिंह (Yuvraj Singh) उनके सीनियर प्लेयर बन चुके थे. एमएस धोनी (MS Dhoni) शुरुआती करियर में खूब चौके-छक्के जड़ते थे. इसपर युवराज सिंह अक्सर कहते थे कि चौके-छक्के लगाने कोई बड़ी बात नहीं बल्कि मैच जिताना सबसे बड़ी बात है, लेकिन धोनी ने जब एक मैच के शानदार प्रदर्शन करना शुरू किया तो युवराज ने कहा कि खिलाड़ी की असली परीक्षा टेस्ट में होती है वनडे में नहीं.
इसके बाद माही ने एक दिन युवी से पूछ लिया कि ये सब तो ठीक है, लेकिन ये बताओ कि तुम हमेशा नाराज क्यों रहते हो. इस घटना के बाद से ही धोनी के लिए टीम इंडिया में बहुत सी ऐसी चीजें बदल गई, जिसके बाद युवराज सिंह से उनके दोस्त बन गए. बता दें कि धोनी ने साल 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैचों से अपने करियर की शुरुआत की थी.
धोनी की कप्तानी में 2007 में टी20 चैंपियन बनी टीम इंडिया
युवराज सिंह भले ही टीम के सीनियर खिलाड़ी थे, लेकिन साल 2007 में एमएस धोनी को टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया. इसी साल धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनी. इस टूर्नामेंट में युवराज सिंह भारत के लिए धमाकेदार प्रदर्शन किया किया था. इसी टूर्नामेंट में युवराज सिंह ने 6 गेंद पर लगातार 6 छक्के लगाने का कारनामा किया था.
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