बच्चे का नाम आदित्य तिवारी है जो पांचवी कक्षा का छात्र है. आदित्य रोजाना स्कूल से घर आकर पहले अपना भोजन और फिर होमवर्क करता है. उसके बाद शाम को सैनिक की वेशभूषा और पुलिस की तरह जूते, जैकेट पहनकर अपनी मां संगीता तिवारी के साथ रोजाना एक घंटा व्यस्त चौराहों पर ट्रैफिक संभालता है. आदित्य अपने अनोखे अंदाज में खुद के बनाए हुए गाने गाकर, उस पर एक्टिंग कर लोगों को यातायात नियमों के बारे में जागरूक करता है.
आदित्य लोगों से हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट करता है कि, वह यातायात नियम का पालन करें, दोपहिया वाहन वाले हेलमेट लगाए और कर चालक सीट बेल्ट लगाएं. वाहन चालक भी उसकी बात मानते है. नियमों का पालन करने वालों को आदित्य उसके हाथों से बनाए हुए ग्रीटिंग कार्ड और चॉकलेट भी देता है.
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यातायात विभाग ने उसे बाकायदा ट्रैफिक वार्डन का आईडी कार्ड भी जारी कर दिया है. आदित्य के साथ ट्रैफिक कांस्टेबल भी ट्रैफिक संभालते हैं और उसका ध्यान भी रखते हैं. खुद को इंडियन सोल्जर कहने वाले आदित्य तिवारी ने ANI को बताया, वो इंडियन ट्रेफिक सोल्जर है और 5th स्टैंडर्ड में पढ़ाई करता है.
मैं बड़ा होकर ऐसा सोल्जर बनना चाहता हूं
मैं पिछले 3 साल से ट्रैफिक संभालता हूं, मेरी बहन No Smoking campaign चलाती है उसे देख मेरा भी देश के लिए सेवा करने का विचार हुआ और मैं सड़क पर आ गया, मैं अपने बनाए हुए गीतों से लोगों को यातायात नियमों के बारे समझाता हूं... जैसा इंदौर स्वच्छता में नंबर 1 है उसी तरह ट्रैफिक में भी नंबर 1 है. मैं बड़ा होकर ऐसा सोल्जर बनना चाहता हूं कि लोग मेरा जैसे बनना चाहें. आदित्य के साथ ट्रैफिक पुलिस एजुकेशन विंग से पुलिसकर्मी सुमंत सिंह ने कहा, पिछले 3 साल से आदित्य को मैं ट्रैफिक संभालते हुए देख रहा हूं. लोगों को जागरूक करने के लिए यह हमेशा कुछ ना कुछ नए गीत और कविता बोलते हैं. हम सेफ्टी और सावधानियां के साथ आदित्य का ध्यान रखते हैं जब वह ट्रैफिक संभालता है और उसे सिखाते हैं.
आदित्य की मां संगीता तिवारी ने कहा, वह सैनिक की तरह देश की रक्षा करें बचपन से उसकी यही इच्छा थी, इसलिए उसने ट्रैफिक संभालने की इच्छा जाहिर की इसके लिए उसने सोल्जर की ड्रेस भी ली और जूते भी पुलिस कर्मियों के जैसे खरीदे और उतर गया सड़क पर. मैं उसके साथ रोजाना ट्रैफिक संभालने आती हूं मंडे टू सैटरडे हम रोज एक घंटा ट्रैफिक संभालते हैं.