Wayanad Landslide: केरल के वायनाड में मंगलवार (30 जुलाई) को तड़के हुई भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 158 हो गई है. जबकि अभी भी सैकड़ों लोग लापता हैं जिनकी मलबे में तलाश की जा रही है. इस प्राकृतिक आपदा में 128 लोग घायल भी हुए हैं जिन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है. बता दें कि केरल में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जिसके चलते मंगलवार तड़के वायनाड में एक के बाद एक तीन बार भूस्खलन हुआ. जिससे दूरदराज के एक गांव का अधिकांश हिस्सा मलबे में दब गया. लोग मलबे में दब गए, सड़कें और पुल भी ढह गए. बताया जा रहा है कि साल 2018 के बाद से ये राज्य की सबसे खराब मानसून आपदा है.
भारी बारिश के बाद कुदरत ने ढाया कहर
बता दें कि दक्षिणी केरल जिले में सोमवार और मंगलवार को 572 मिमी बारिश हुई, जिससे चूरलमाला गांव में रात 1 बजे से सुबह 4 बजे के बीच दो बार भूस्खलन हुआ. जिससे मुंडक्कई गांव में पानी और कीचड़ की तेज धारा बह गई और दोनों बस्तियों के बीच बना एक पुल ढह गया. इससे पहले भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस दौरान क्षेत्र के लिए केवल 64 मिमी से 200 मिमी बारिश का अनुमान लगाया था.
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Kerala | Death toll in Wayanad landslides rises to 158, says the State Revenue Department. https://t.co/y6QrAAGmTg
— ANI (@ANI) July 31, 2024
सेना और एनडीआरएफ की टीम चला रहीं सर्च ऑपरेशन
वायनाड में हुए भूस्खलन के मलबे में दबे लोगों की लगातार तलाश की जा रही है. सर्च ऑपरेशन में सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने टीच लगी हुई हैं. लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते सर्च ऑपरेशन में परेशानी हो रही है. भारी बारिश के चलते इरुवानझिनजी नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है. जिसके कारण सेना को जोखिम भरे इलाकों से होकर गुजरना पड़ा. भारतीय वायु सेना के दो हेलिकॉप्टर प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किए गए हैं.
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केरल में दो दिन का राजकीय शोक
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता और वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी समेत तमाम राजनेताओं ने वायनाड हादसे पर शोक संवेदनाएं व्यक्त की है. इसके साथ ही राज्य में दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार शाम को अपने मंत्रिमंडल और वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ बैठक की. जिसके बाद उन्होंने बचाव और राहत प्रयासों की निगरानी के लिए आपदा प्रबंधन विभाग के प्रभारी के राजन सहित पांच मंत्रियों को वायनाड भेजा.
सात किमी दूर नदी में बहकर पहुंचे कई शव
सर्च ऑपरेशन में लगे सेना और एनडीआरएफ के जवानों को कई शव घटनास्थल से सात किमी दूर नदी में मिले है. बताया जा रहा है कि बाढ़ से बहे कई पीड़ितों के शव मुंडक्कई से सात किलोमीटर दक्षिण में नीलांबुर गांव में चलियार नदी के पानी में पाए गए. स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि अधिकांश पीड़ित चाय बागानों में काम करते थे और मुख्य सड़कों के किनारे या बागानों के आधार पर बने छोटे घरों में रहते थे. मंगलवार शाम 4 बजे तक अधिकारियों ने 34 शवों की पहचान कर ली थी और 18 शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया था.
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7 साल में केरल में बारिश और भूस्खलन से 900 लोगों की मौत
राज्य सरकार के अनुमान के मुताबिक, 2017 के बाद से केरल में अत्यधिक बारिश और भूस्खलन के कारण करीब 900 लोगों की मौत हुई है. इससे पहले अगस्त 2019 में, मेप्पडी में एक बड़ा भूस्खलन हुआ था. उसी वर्ष, पुथुमाला गांव एक पहाड़ी लगभग पूरी तरह से खिसक गई थी. जिससे इसके रास्ते में आने वाली सभी चीजें नष्ट हो गईं. लगभग उसी समय, मल्लापुरम में एक पहाड़ी ढह गई और 44 परिवारों का एक गांव बलबे में दब गया था.