प्लाचीमाडा स्ट्रगल सॉलिडेरिटी कमेटी, जिसने अपने लंबे संघर्ष से 2004 में पलक्कड़ जिले में कोका-कोला फैक्ट्री को बंद करवा दिया था, बहु-अमेरिकी पेय पदार्थों की दिग्गज कंपनी के साथ एक और लड़ाई के लिए तैयार हो रही है. 2000 में, कोका-कोला की भारतीय सहायक कंपनी हिंदुस्तान कोका कोला बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड (एचसीबीपीएल) ने पलक्कड़ के पास प्लाचीमाडा गांव में शीतल पेय बनाने वाला एक संयंत्र स्थापित किया.
लेकिन, बड़े पैमाने पर विरोध के बाद इसने 2004 में अपना संचालन बंद कर दिया. अब कमेटी को पता चला है कि कंपनी ने केरल सरकार को सूचित किया है कि वह प्लाचीमाडा में भूमि और संपत्तियों को मुफ्त में सौंपने के लिए तैयार हैं. इस प्रस्ताव के कारण, राज्य के राजस्व अधिकारियों ने सूचीबद्ध किया है कि 34.50 एकड़ जमीन थी, जिसमें लगभग 35,000 वर्ग फुट का भवन है और कंपनी इसे आर्थिक संकटग्रस्त केरल सरकार को मुफ्त में सौंप देगी.
राज्य सरकार मूलभूत सुविधाओं की स्थापना कर स्थानीय कृषि समिति की भलाई के लिए इस स्थान को एक यूनिट के रूप में परिवर्तित करने की योजना बना रही है. हालांकि, प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यह कंपनी की जमीन मुफ्त में सौंपने और स्थानीय लोगों को मुआवजा देने से बचने की एक चाल है, जो कारखाने की स्थापना के बाद कई मामलों में पीड़ित थे.
प्रदर्शनकारियों ने कहा, कुछ समय के लिए एक साजिश चल रही है, जिसमें कुछ राजनेता शामिल थे, जो यहां के लोगों को मुआवजे का भुगतान किए बिना कंपनी को भगाने में मदद कर रहे है. हम कंपनी को छिपकर भागने नहीं देंगे.
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Source : IANS