केरल में लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल को वापस बुलाए जाने की मांग वाला प्रस्ताव पारित

प्रस्ताव में कहा गया है कि द्वीप में अपराध की दर असाधारण रूप से कम है, इसके बावजूद गुंडा कानून लागू करने के लिए कदम उठाए गए. प्रस्ताव में कहा गया है कि प्राधिकारी मछली पकड़ने जैसे आजीविका के पारंपरिक जरिए को नष्ट करना चाहते हैं.

author-image
Ravindra Singh
New Update
go back praful patel

प्रफुल पटेल को वापस लाए जाने का प्रस्ताव पारित( Photo Credit : भाषा)

Advertisment

केरल विधानसभा ने लक्षद्वीप के लोगों के साथ एकजुटता जताते हुए एक प्रस्ताव सोमवार को सर्वसम्मति से पारित किया, जिसमें द्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल को वापस बुलाए जाने की मांग की गई है और केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया है, ताकि द्वीप के लोगों के जीवन और उनकी आजीविका की रक्षा हो सके. इसी के साथ केरल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने केंद्रशासित प्रदेश में हुए हालिया घटनाक्रमों को लेकर लोगों का समर्थन करते हुए प्रस्ताव पारित किया है.  अरब सागर में स्थित लक्षद्वीप में पटेल के हालिया कदमों एवं प्रशासनिक सुधारों का स्थानीय लोग पिछले कुछ दिन से विरोध कर रहे हैं. केरल के मुख्मयंत्री पिनराई विजयन ने प्रस्ताव पेश किया, जो 15वीं विधानसभा में इस प्रकार पहला प्रस्ताव है. उन्होंने केरल और लक्षद्वीप के लोगों के बीच ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को याद किया और वहां स्वाभाविक लोकतंत्र को नष्ट करने की कथित कोशिश के लिए केंद्र की निंदा की.

उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप का भविष्य चिंता का विषय है और इसकी अनूठी एवं स्थानीय जीवनशैली को कमजोर करना अस्वीकार्य है. मुख्यमंत्री ने अपील की कि संवैधानिक मूल्यों को बरकरार रखने का समर्थन करने वालों को लक्षद्वीप के प्रशासक के कदमों का कड़ा विरोध करना चाहिए. अपने राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए, सत्तारूढ़ माकपा के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव का समर्थन किया. यूडीएफ ने इसमें कुछ संशोधनों का सुझाव दिया.प्रस्ताव में कहा गया है कि लक्षद्वीप में स्थानीय जीवन शैली एवं पारिस्थतिकी तंत्र नष्ट करके ‘भगवा एजेंडे’ और कॉरपोरेट हितों को थोपने की कोशिश की जा रही है. इसमें आरोप लगाया गया है कि सुधार के नाम पर शुरू किए गए एजेंडे का क्रियान्वयन नारियल के पेड़ों को भगवा रंग से रंगकर शुरू किया गया और अब यह इस स्तर तक बढ़ गया है कि द्वीपवासियों के पारंपरिक आवास, जीवन और प्राकृतिक संबंधों को नुकसान पहुंच रहा है.

प्रस्ताव में कहा गया है कि द्वीप में अपराध की दर असाधारण रूप से कम है, इसके बावजूद गुंडा कानून लागू करने के लिए कदम उठाए गए. प्रस्ताव में कहा गया है कि प्राधिकारी मछली पकड़ने जैसे आजीविका के पारंपरिक जरिए को नष्ट करना चाहते हैं. इसमें आरोप लगाया गया है कि क्षेत्र के लोगों के प्राकृतिक आहार का हिस्सा बीफ को बाहर करने के प्रयास के जरिए गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के संघ परिवार के एजेंडे को पिछले दरवाजे से लागू किया जा रहा है.

प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रशासक ने केंद्रशासित प्रदेश के लोगों के स्थानीय जीवन और संस्कृति को धीरे-धीरे नष्ट करने का बीड़ा उठाया है. विजयन ने प्रशासक को विभिन्न सरकारी विभागों के मामलों में हस्तक्षेप करने का विशेष अधिकार देने वाले केंद्र के कानून की निंदा की. उन्होंने कहा कि यह अपनी पसंद के अधिकारी नियुक्त करके द्वीप के स्वाभाविक लोकतंत्र को कमजोर करने के समान है.

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, लक्षद्वीप में हालिया घटनाक्रम को संघ परिवार के एजेंडे की प्रयोगशाला के रूप में देखा जाना चाहिए. वे देश के लोगों की संस्कृति, भाषा, जीवनशैली और खानपान संबंधी आदतों को अपनी विचारधारा के अनुसार बदलने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश के लोगों को कॉरपोरेट हितों और हिंदुवादी राजनीति का गुलाम बनाने की कोशिश के खिलाफ कड़ी आवाज उठाई जानी चाहिए. 

विजयन ने कहा कि यह सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि केंद्रशासित प्रदेश और उसके मूल निवासियों की विशिष्टता को संरक्षित रखा जाए. उन्होंने कहा कि प्रशासक इसे चुनौती दे रहे हैं और उन्हें उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाना चाहिए. विपक्षी कांग्रेस के नेता वी डी सतीशन ने प्रस्ताव का समर्थन किया और कहा कि सुधारों की आड़ में पटेल द्वारा लागू किए जा रहे एजेंडे को अरब सागर में फेंक दिया जाना चाहिए.

इस बीच, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक के खिलाफ विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव की आलोचना की और कहा कि उसके पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रस्ताव लाने के सरकार के कदम को ’हास्यास्पद’ करार देते हुए कहा कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सदन का दुरुपयोग किया जा रहा है. सुरेंद्रन ने कहा कि अगर लक्षद्वीप के लोगों को कोई शिकायत है, तो वे केंद्र सरकार या अदालत से संपर्क कर सकते हैं. केरल की मौजूद विधानसभा में भाजपा का कोई सदस्य नहीं है.

Source : PTI

Modi Government kerala Lakshadweep केरल मोदी सरकार पिनराई विजयन Pinarai Vijayan लक्षद्वीप
Advertisment
Advertisment
Advertisment