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वायनाड के इस गांव को क्यों कहा जा रहा 'घोस्ट विलेज'

देश का एक इलाका जिसे अब लोग घोस्ट विलेज के तौर पर जानते हैं. जानें इसके पीछे क्या है बड़ी वजह. कैसे ये गांव घोस्ट विलेज के रूप में तब्दील हो गया.

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Dheeraj Sharma
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Ghost Village In Waynad
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Ghost Village: देशभर में इन दिनों कई इलाकों में मानसून का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. क्या मैदान क्या पहाड़ हर जगह भारी बारिश और बाढ़ ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं. केरल में भी कुदरत का कहर देखा जा रहा है. यहां पर बीते दिनों हुई बारिश और बाढ़ ने कई जिंदगियां छीन ली हैं. जबकि कई लोग बेघर हो गए हैं. केरल में आई इस बाढ़ और मौत के तांडव के बीच एक गांव चर्चा का विषय बना हुआ है. खास बात यह है कि इस गांव को घोस्ट विलेज कहा जा रहा है. आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा कौन सा गांव है जिसे Ghost Village कहा जा रहा है और इसके पीछे वजह क्या है. 

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केलर का वायनाड इन दिनों कुदरत की मार झेल रहा है. यहां पर बीते दिनों हुई भारी बारिश और बाढ़ के बाद मची तबाही में 256 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. हर तरफ मातम मचा हुआ है. इस बाढ़ ने हजारों की तादाद में लोगों को बेघर कर दिया है. जबकि बड़ी संख्या में लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इस बीच कई लोग ऐसे भी हैं जो लापता हैं. 

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ये हैं वायनाड का घोस्ट विलेज

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वायनाड में एक गांव है जो यहां आई बाढ़ के बाद घोस्ट विलेज बन चुका है. इस गांव का नाम मुंडकई है. जी हां ये वही गांव है जहां बाढ़ ने तबाही मचाई है. खास बात यह है कि 30 जुलाई हुई भारी बारिश और इसके बाद कुदरत के कहर ने इस गांव को किसी भूतिया गांव में तब्दील कर दिया. क्योंकि इस गांव से कई लोग अब भी लापता है. यही कारण है कि इस गांव को घोस्ट विलेज कहा जा रहा है. 

नक्शे में अब इस गांव की जगह सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. यही नहीं यहां से शवों का निकलना भी बदस्तूर जारी है. मिट्टी और चट्टानों की मोटी परत के बीच बचाव कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन इस गांव का नामो निशान ही गायब हो गया है. लोगों को उम्मीद है कि इस गांव के मलबे में से अभी और लोगों के शव मिल सकते हैं. 

1200 बचाव कर्मी दिन-रात चला रहे रेस्क्यू ऑपरेशन

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कुदरत के इस कहर से मची तबाही के बाद यहां 1200 बचावकर्मियों को तैनात किया गया है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें दिन-रात लोगों को बचाने और मलबा हटाने में जुटी है. अब तक 256 लोगों को शव निकाले जा चुके हैं. 

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घोस्ट विलेज में 50 से भी कम घर बचे

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घोस्ट विलेज कहे जाने वाले मुंडकई गांव की बात करें तो यहां पर बाढ़ और तबाही से पहले 500 घर हुआ करते थे, लेकिन इस आफत के बाद अब यहां 50 से भी कम घर बचे हैं. तस्वीरों में देखा जा सकता है कि हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. 

पर्यटकों को लुभाता था मुंडकई गांव

एक वक्त था जब मुंडकई भी अन्य गांवों की तरह खुशहाल गांव था. इस गांव में पर्यटकों का भी आना-जाना लगा रहता था. इसकी खूबसूरती लोगों को आकर्षित करती थी. लेकिन कुदरत की मार के बाद यह घोस्ट विलेज बन गया है. दूर-दूर तक कोई घर नहीं दिख रहा है कोई दिखता भी है तो टूटा-फूटा.

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