Reservation to the Adi Dravidians who have converted to Christianity in Tamil Nadu : तमिलनाडु सरकार चाहती है कि आदि द्रविड जाति के वो लोग, जो अब क्रिश्चियन बन चुके हैं. उन्हें भी आरक्षण का लाभ दिया जाए. इसके लिए मुख्य मंत्री एम के स्टाइल ने विधानसभा में प्रस्ताव रखा है. इस प्रस्ताव के तहत केंद्र सरकार से सिफारिश की गई है कि केंद्र सरकार आदि द्रविडियन्स को भी आरक्षण दिया जाए, क्योंकि सामाजिक रूप से वो पिछड़े हुए हैं. भले ही उन्होंने अपना धर्म बदल लिया हो.
कानून में बदलाव की जरूरत
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की मांग है कि केंद्र सरकार आरक्षण से जुड़े कानून में बदलाव लाए. इस बदलाव के तहत उन क्रिश्चियनों को भी आरक्षण का लाभ दिया जाए, जो किन्हीं वजहों से क्रिश्चियन बन गए हों. इस बारे में तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव पेश कया दाएगा. सरकार का कहना है कि वो आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं, ऐसे में उन्हें मदद की जरूरत है.
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कौन हैं आदि द्रविड?
माना जाता है कि दक्षिण के राज्यों में आदि द्रविडियन ही वहां के मूल निवासी हैं. समाज के विकास के क्रम में दूसरे लोग बाद में पहुंचे. साल 1914 से आदि द्रविड शब्द का इस्तेमाल इनकी पहचान के लिए होता है. तमिलनाडु की पिछड़ी जातियों में आधा हिस्सा आदि द्रविडों का है. इन्हें केरल में अजिला लोगों के साथ एससी वर्ग में जगह दी गई है. तो आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में आदि आंध्रा लोगों के साथ एससी वर्ग में जगह मिली है. कर्नाटक में आदि कर्नाटका भी इन्हीं के समकक्ष हैं. तो लक्ष्यद्वीप में सिर्फ स्थानीय आदि द्रविड को ही आरक्षण मिला हुआ है. लक्ष्यद्वीप में इन्हें एसटी वर्ग में रखा गया है.
HIGHLIGHTS
- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन लाएंगे प्रस्ताव
- आदि द्रविडियन्स से क्रिश्चियन बने लोगों को भी मिले रिजर्वेशन
- केंद्र सरकार से गुजारिश करेगी राज्य सरकार