Tamil Nadu : तमिलनाडु के गवर्नर ने गुरुवार को तत्काल प्रभाव से स्टालिन सरकार के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को बर्खास्त कर दिया है. सेंथिल बालाजी पर पैसे लेकर नौकरी देने के आरोप लगे हैं. साथ ही उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामलों की जांच चल रही है. इस मामले में वे जेल में बंद हैं. इसके बाद राज्यपाल आर.एन. रवि ने स्टालिन कैबिनेट से उन्हें हटाने का निर्णय लिया है. राज्यपाल के इस फैसले पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का भी बयान सामने आया है.
यह भी पढ़ें : दिल्ली कैबिनेट में फेरबदल, आतिशी को वित्त और राजस्व मंत्रालय भी सौंपे गए
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल आरएन रवि के पास मंत्रिपरिषद से वी सेंथिल बालाजी को हटाने का कोई अधिकार नहीं है. इस मामले में हम कोर्ट जाएंगे और कानूनी तौर पर इसका सामना करेंगे. वहीं, डीएमके नेता सरवनन अन्नादुरई ने चेन्नई में मीडिया से कहा कि सेंथिल बालाजी को मंत्री पद से हटाने वाले राज्यपाल कौन होते हैं, क्या उनके पास संवैधानिक अधिकार है? वह सनातन धर्म के अनुसार काम कर रहे हैं, लेकिन हमारे देश का कानून सनातन धर्म नहीं है. हमारा संविधान हमारी बाइबिल, गीता, कुरान है. हम उनसे अनुरोध करते हैं कि वे संविधान को ठीक से पढ़ें. उनके पास अधिकार नहीं है, वह इस तरीके से काम अपने आकाओं को खुश करने के लिए कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें : कांग्रेस के चौखट पर बैठे 'वो'... बिहार में अमित शाह की ललकार से चित्त हुआ विपक्ष
तमिलनाडु राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सेंथिल बालाजी के खिलाफ भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर केस हैं. ऐसे में वे मंत्री के तौर पर अपने पद का दुरुपयोग करते जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं, इसके लिए राज्यपाल ने मंत्रिपरिषद से उन्हें हटा दिया है. आपको बता दें सेंथिल बालाजी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.