पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) ने स्कूली छात्रों को को भोजन उपलब्ध कराने वाले मध्याह्न् भोजन केंद्रों को बंद करने के खिलाफ राज्य सरकार को चेतावनी दी है. पीएमके के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अंबुमणि रामदास ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार द्वारा 28,000 मध्याह्न् भोजन केंद्रों को बंद करने की योजना के बारे में जानकारी है. गौरतलब है कि राज्य में 43,190 मध्याह्न् भोजन केंद्र हैं. राज्य में मध्याह्न् भोजन योजना से तमिलनाडु के स्कूलों के 46 लाख छात्र लाभान्वित हुए हैं.
पीएमके नेता ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक के एक निर्देश में शहरी और स्थानीय दोनों क्षेत्रों को उन सरकारी भवनों की संख्या पर डेटा जमा करने के लिए कहा गया है जिनमें एक या एक से अधिक मध्याह्न् भोजन केंद्र काम कर रहे थे और जो दूसरे दोपहर के भोजन केंद्र के 3 किमी के दायरे में स्थित थे.
राज्य के स्कूलों में 1545 मुफ्त नाश्ता केंद्र खोलने की सराहना मिलने के बाद अंबुमणि रामदास ने सरकार से मध्याह्न् भोजन योजना को बंद नहीं करने का आह्वान किया.
हालांकि तमिलनाडु की समाज कल्याण मंत्री गीता जीवन ने एक बयान में कहा कि सरकार के पास मध्याह्न् भोजन केंद्रों की संख्या को कम करने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास मध्याह्न् भोजन केंद्रों की संख्या या वहां कर्मचारियों की संख्या को कम करने का कोई विचार नहीं है.
तमिलनाडु के समाज कल्याण मंत्री ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन स्कूली छात्रों के लिए मुफ्त नाश्ता योजना को सीधे नियंत्रित और मॉनिटर कर रहे है. मंत्री ने कहा कि सरकार मुफ्त नाश्ता योजना का विस्तार करने की योजना बना रही है और केंद्रों को बंद करने की कोई संभावना नहीं है.
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Source : IANS