स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से आंदोलनकारियों के खिलाफ फायरिंग में शामिल पुलिसकर्मियों पर आपराधिक कार्रवाई करने की मांग की. बता दें, मई 2018 में स्टरलाइट प्लांट आंदोलन में पुलिस कार्रवाई में 13 लोग मारे गए थे. न्यायमूर्ति अरुणा जगदीशन आयोग की रिपोर्ट ने कॉपर स्मेल्टर प्लांट के खिलाफ आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई में शामिल कई पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया था.
अभी तक, पुलिस के खिलाफ केवल विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है और प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि मुख्यमंत्री पुलिस के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करें. 17 अक्टूबर के एक सरकारी आदेश (जीओ) ने प्रदर्शनकारियों को गोली मारकर हत्या करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ केवल विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया है.
एंटी-स्टरलाइट प्रोटेस्टर्स कॉर्डिनेशन कमेटी ने तूतीकोरिन जिला कलेक्टर को सौंपी गई एक याचिका में कहा, भले ही मुख्यमंत्री ने दोषियों को अदालत में ले जाने का संकल्प लिया हो, लेकिन 17 अक्टूबर को पारित सरकारी आदेश (जीओ) ने हत्यारों के खिलाफ सिर्फ विभागीय कार्रवाई शुरू की है और उन्हें आपराधिक मुकदमे से बचा लिया है.
स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार कॉपर स्मेल्टिंग यूनिट के खिलाफ एक विशेष अधिनियम बनाए और प्रदर्शनकारियों को गोली मारने में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए एक नया जीओ भी जारी करे.
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS