Anti Hindi Movement in Tamil Nadu ? : शरारती तत्वों ने तमिलनाडु में फिर से हिंदी विरोधी भावनाओं को भड़काने की कोशिश की है. यहां के चेन्नई फोर्ट रेलवे स्टेशन ( Chennai Fort Railway Station ) पर शरारती तत्वों ने स्टेशन के बोर्ड को कालिख से पोत दिया. बोर्ड पर तमिल भाषा, हिंदी भाषा और अंग्रेजी भाषा में रेलवे स्टेशन का नाम लिखा था, लेकिन शरारती तत्वों ने हिंदी भाषा में लिखे रेलवे स्टेशन के नाम को कालिख से पोत दिया. माना जा रहा है कि दही के नाम पर उठे विवाद को भड़काने के लिए शरारती तत्वों की तरफ से ऐसी कोशिश की जा रही है.
अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
अधिकारियों ने बताया है कि कालिख पोत दिये गए बोर्ड को साफ कर दिया गया है, और उसे फिर से पुराने स्वरूप में लगा दिया गया है. इस मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
Tamil Nadu | Unidentified persons yesterday blackened the Hindi portion of the signboard at Chennai Fort railway station. Railway Protection Force police have registered a case against unidentified persons. The signboard was restored to its original form. pic.twitter.com/1UI4qN75C1
— ANI (@ANI) April 1, 2023
तमिलनाडु में हिंदी विरोध का लंबा इतिहास
बता दें कि तमिलनाडु में हिंदी भाषा के विरोध का लंबा इतिहास रहा है. आजादी से भी पहले साल 1937 ईश्वी में सबसे पहले हिंदी विरोध का मुद्दा उठा था. इसके बाद जब देश को आजादी मिली, तब भी कुछ नेताओं ने कोशिश की थी कि भाषाई आधार पर दक्षिण के राज्यों की अलग बंदोबस्ती हो और दक्षिण के राज्यों ( जो मद्रास प्रेसीडेंसी के अंदर थे) को मिलाकर द्रविडनाडु नाम से अलग देश बनाया जाए. इसके लिए पहले जस्टिस पार्टी संघर्ष करती थी, फिर उसी के एक धड़े ने डीएमके पार्टी बना ली थी. इसे बाद जब देश के राज्यों को भाषाई आधार पर बांटा जा रहा था, तब भी हिंदी विरोध का मामला काफी तेजी से उठा था. इसके बाद भारत सरकार त्रिभाषी सिद्धांत लेकर आई थी.
HIGHLIGHTS
- तमिलनाडु में हिंदी विरोध की भावना को उकसाने की कोशिश
- चेन्नई फोर्ट रेलवे स्टेशन पर शरारती तत्वों ने की हरकत
- रेलवे स्टेशन पर लगे बोर्ड को कालिख से पोता